आनन-फानन में पुरुषों ने रोशनदान फोड़कर बच्चों और महिलाओं को बाहर निकाला। फिर खुद घर के पीछे रास्ते कूदकर अपनी जान बचाई। हादसे में पुलिस अधिकारियों की तीन बाइक जलकर खाक हो गईं। कॉलोनी के लोगों ने ही पानी फेंककर आग को बुझाया। चारों घरों में ८ सिलेंडर थे। गनीमत रही कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। आग शॉट सर्किट से लगी या फिर किसी की साजिश से पुलिस जांच कर रही है।
शुक्रवार-शनिवार दरमियानी रात करीब 2.30 बजे आग की लपटों से 36 लाइन के क्वार्टर नंबर65, 66, 67 और 68 घिरे हुए थे। क्वार्टर-68 में रहने वाले सिपाही बलराम पाराशर का दम घुटा तो जाग गए और शोर मचाकर सबको जगाया। एएसआई अशोक बाबू ने क्वार्टर का रोशनदार फोड़कर पत्नी और बच्चों को बाहर किया। इस तरह बाकी लोगाों ने भी किसी न किसी तरह बाहर जान बचाई।
आग बुझ गई तब आई फायर ब्रिगेड
कमल ने बताया आग का पता चलते फायर ब्रिगेड को फोन कर दिया लेकिन वह आग बुझने के बाद आई। गनीमत रही आरक्षक संजय शिवहरे के क्वार्टर के बाहर बनी टंकी में पानी भरा हुआ था। सभी लोगों ने उस टंकी से पानी लेकर आग को बुझाया।
इनका हुआ नुकसान क्वार्टर नंबर 65 के एएसआई कमल चन्द्र की बाइक जलकर खाक हो गई। कमल 13 वी बटालियन में पदस्थ हैं।
क्वार्टर नंबर 66 के एएसआई चन्द्रपाल सिंह की बाइक आग से जल गई। चन्द्रपाल दूसरी बटालियन में तैनात है।
क्वार्टर नंबर 67 के एएसआई अशोक बाबू की बाइक जलकर खाक हुई। अशोक 13 वी बटालियन में है।
क्वार्टर नंबर 68 के सिपाही बलराम पाराशर की बिल्डिंग के नीचे खड़ी बाइक भी आग से झुलस गई।
… तो चली जाती जान आज बलराम नहीं होता तो न जाने कितने लोगों की जान चली जातीं। आग लगी तो उसी ने सबको जगाया फिर क्वार्टर से बच्चों को निकलवाया।
चन्द्रपाल सिंह, एएसआई
रात करीब 2.30 बजे दम सा घुटा। आंख खुली तो घर में धुंआ भरा था। दरवाजा खोला तो आग की लपटें निकल रही थी। फिर और लोगों को जगाया।
बलराम पाराशर, चश्मदीद
आग लगाने से घर के तार पिघलकर गिर रहे थे। जिससे मेरा पैर भी जल गया। ईश्वर ने हम सभी की जान बचा ली।
ऊषा परिहार, चश्मदीद