इंडियन ऑयल कंपनी ने मॉक ड्रिल के लिए पेट्रोल पंप के पास एसएफ ग्रांउड को चुना था, जहां एक गहरे गड्ढे में आग लगाकर अलार्म से लेकर घंटी बजाने तक की प्रक्रिया की गई। इसके बाद पेट्रोल पंप पर तैनात कर्मचारी वहां रखे 14 सिलेंडर लेकर आग की तरफ भागे। इन सिलेंडरों में 50 प्रतिशत मोनो अमोनियम फॉस्फेट था, जबकि दो सिलेंडर कार्बन डाई ऑक्साइड के थे।
ट्रेनरों ने बताया कि पेट्रोल पंप पर पेट्रोल खाली करने आए टैंकर को बड़ी सावधानी पूर्वक खाली करना चाहिए। जिस परिसर में पंप है, उसका मुख्य गेट बंद कर देना चाहिए, उस वक्त परिसर में वाहन का प्रवेश नहीं होनी चाहिए। टैंकर की चाबी तक निकाल लेना चाहिए, मोबाइल बंद होना चाहिए। अग्निशमन यंत्र चैक कर लेना चाहिए कि वह सही तरीके से काम कर रहे हैं या नहीं।
ट्रेनिंग में प्रदेश के 7 जिलों के पेट्रोल पंप डीलर शामिल हुए थे, जिनमें ग्वालियर, भिंड, मुरैना, दतिया, विदिशा सहित अन्य जिलों के डीलरों ने ट्रेनिंग ली।