ग्वालियर

न आग बुझाने के लिए फायर मैन, न गंदे पानी की जांच के लिए केमिस्ट, 2073 पद हैं खाली

शहर में गंदे पानी की सप्लाई रुक नहीं रही है, लेकिन इसकी जांच के लिए लैब तो है, मगर कैमिस्ट नहीं हैं। निगम में 3913 पद हैं, इनमें 2841 भरे गए हैं, बाकी लंबे समय से खाली हैं।

ग्वालियरFeb 24, 2019 / 08:18 pm

Rahul rai

न आग बुझाने के लिए फायर मैन, न गंदे पानी की जांच के लिए केमिस्ट, 2073 पद हैं खाली

ग्वालियर। नगर निगम में 2606 कर्मचारियों के विनियमितीकरण को लेकर बवाल मचा हुआ है, इसमें शासन ने निगम आयुक्त और महापौर को नोटिस देकर 15 दिन में जवाब मांगा है, वहीं निगम में स्टाफ का टोटा है। न तो आग बुझाने के लिए फायर मैन हैं, न सडक़ बनवाने के लिए पर्याप्त इंजीनियर हैं।
 

जल सप्लाई की स्थिति सबसे अधिक खराब है। शहर में गंदे पानी की सप्लाई रुक नहीं रही है, लेकिन इसकी जांच के लिए लैब तो है, मगर कैमिस्ट नहीं हैं। निगम में 3913 पद हैं, इनमें 2841 भरे गए हैं, बाकी लंबे समय से खाली हैं। प्रतिनियुक्ति से और निगम आयुक्त विनोद शर्मा के मनमाने आदेश से स्वीकृत पद के विरुद्ध कई लोगों की पदस्थापना की गई है, जिनकी जांच चल रही है। पत्रिका ने वास्तविकता जानी तो कई विभाग में कर्मचारियों की बेहद कमी मिली।

अग्निशमन विभाग
नगर निगम का यह महत्वपूर्ण विभाग है, इसमें फायर ऑफिसर के दो पद स्वीकृत हैं, मुख्य फायर ऑफिसर का एक पद है, सभी खाली हैं। आग बुझाने में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाने वाले फायर मैन के 72 में से 12 पद भरे हैं और 60 खाली हैं। लीडिंग फायरमैन के 36 में से दो पद भरे हैं। कर्मचारियों की कमी से आग समय पर नहीं बुझ पा रही है, जिससे लाखों का नुकसान हो जाता है।
 

जल आपूर्ति एवं सीवरेज विभाग
जल आपूर्ति एवं सीवरेज विभाग में अधीक्षण यंत्री सिविल का एक पद स्वीकृत है, कार्यपालन यंत्री के दो पद हैं, सभी खाली पड़े हुए हैं। सहायक यंत्री के 4 पदों में से 1 भरा हुआ है। खाली पदों को भरने कालंबे समय से इंतजार हो रहा है। गंदे पानी की जांच के लिए केमिस्ट तक निगम में नहीं है।
 

राजस्व विभाग
नगर निगम में चाहे संपत्तिकर विभाग हो या राजस्व विभाग, दोनों में स्टाफ का बेहद टोटा है, जिससे राजस्व व संपत्तिकर वसूली प्रभावित हो रही है। अभी तक आधी भी राजस्व वसूली नहीं हो पाई है। राजस्व अधिकारी के स्वीकृत दोनों पद, मुख्य राजस्व निरीक्षक के दस पद, राजस्व निरीक्षक के 13 में से 12, सहायक राजस्व निरीक्षक के 105 में से 36 पद खाली पड़े हुए हैं।
 

स्वास्थ्य विभाग
नगर निगम आयुक्त विनोद शर्मा आए दिन बैठकें लेकर कहते रहे कि स्वच्छता सर्वे में देश में ग्वालियर नम्बर वन आए, इसके प्रयास भी हुए, लेकिन धरातल पर देखने में आया कि मुख्य स्वच्छता निरीक्षक का एक और स्वच्छता अधिकारी के दो पद स्वीकृत हैं, जो खाली हैं। मुख्य स्वच्छता निरीक्षक के 21 पदों में से 20 खाली हैं। सफाई संरक्षक के 2134 में से 1161 पद खाली हैं, जिन्हें भरने की कवायद कई बार चली, शासन से अनुमति मांगी गई, लेकिन अनुमति न मिलने पर पद खाली रह गए। सफाई संरक्षक समेत दूसरे पदों पर आउटसोर्स कर्मचारी नगर निगम ने रखे हैं, ठेकेदार उनका आर्थिक शोषण कर रहे हैं।
 

यह पद भी हैं खाली
-परिवहन एवं यातायात प्रबंधन अधिकारी के स्वीकृत दो पद दोनों खाली।
-नगर निवेशक के तीन पद, तीनों खाली।
-भवन अधिकारी सहायक यंत्री सिविल के दो पद, दोनों खाली।
-सहायक भवन अधिकारी उपयंत्री सिविल 4 पद, चारों खाली।
-मुख्य अतिक्रमण निरोधक अधिकारी का पद खाली।
-शहरी गरीबी उपशमन विभाग में सहायक सामुदायिक विकास संगठक के दस पद स्वीकृत, सभी खाली।
-जनकार्य एवं उद्यान विभाग में मुख्य अभियंता सिविल का एक पद वह भी खाली। अधीक्षण यंत्री सिविल के दो पद, दोनों खाली, कार्यपालन यंत्री के 4 में दो खाली, माली प्रशिक्षित के 21 पद स्वीकृत, सभी खाली पड़े हुए हैं।
 

यह है स्वीकृत-भरे और रिक्त पदों का आंकड़ा
-सभी वर्ग के 3913 स्वीकृत पद। -इन पदों पर प्रतिनियुक्ति सहित भरे गए पदों की संख्या 2841-स्वीकृत 3913 पदों में से 2073 पद खाली।
 

इनका कहना है-
नगर निगम में पदों को भरने के लिए प्रक्रिया चल रही है। अनुकंपा नियुक्तियां भी की जा रही हैं। प्रतिनियुक्ति से कुछ पद भरे हैं, कुछ भरे जाने हैं। जल्द ही इस मामले पर चर्चा कर निर्णय लिया जाएगा।
विवेक शेजवलकर, महापौर
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