फायरिंग करने वाला कौन है। किस जगह पर गोलियां चला रहा है। सही जानकारी नहीं मिली है। लेकिन वीडियो सामने आने पर पुलिस उसका पता लगाने की कोशिश कर रही है। वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ है। जिस आइडी से पोस्ट उस पर भाजपा नेता लिखा है। हालांकि वीडियों को लेकर अभी यह गफलत बनी हुई है कि फायरिंग का वीडियो ग्वालियर जिले का है या चंबल में किसी जगह का है।
फायरिंग का वीडियो बनाना क्रेज बना
इससे पहले भी सोशल मीडिया पर ऐसे बहुत से वीडियो वायरल हो चुके हैं। जिनमें रंगबाजी दिखाने वाले फायरिंग करते हुए अपने फोटो और वीडियो शेयर करते हैं। ग्वालियर चंबल में तो यह क्रेज बनता जा रहा है। पुलिस अधिकारी कहते हैं हथियारों का इस तरह प्रदर्शन गैर कानूनी है। इससे पहले भी जो फायरिंग के जो वीडियो फोटो सामने आए हैं उनमें गोली चलाने वालों की पहचान कर कार्रवाई की गई है।
तमंचे और अवैध हथियारों का प्रदर्शन
इस तरह हथियार का प्रदर्शन करने वालों में लाइसेंसी हथियार धारकों के अलावा अवैध तमंचे और पिस्टल से गोलियां चलाने वाले भी शामिल हैं। खुलेआम गोलियां चलाने वाले लोगों में दहशत तो फैलाते हैं इसके अलावा हवा में चलाई गई गोलियां लोगों को लगने की घटनाएं भी सामने आती रहीं हैं। बेकसूर लोगों को गोलियां चलाकर जख्मी करने वाले कौन हैं। किसी भी मामले में आरोपी पुलिस को नहीं मिले हैं। क्योंकि पुलिस के लिए यह पता लगाना मुश्किल होता है। गोली कहां से और किसने कब चलाई है।
फायरिंग का वीडियो बनाना क्रेज बना
इससे पहले भी सोशल मीडिया पर ऐसे बहुत से वीडियो वायरल हो चुके हैं। जिनमें रंगबाजी दिखाने वाले फायरिंग करते हुए अपने फोटो और वीडियो शेयर करते हैं। ग्वालियर चंबल में तो यह क्रेज बनता जा रहा है। पुलिस अधिकारी कहते हैं हथियारों का इस तरह प्रदर्शन गैर कानूनी है। इससे पहले भी जो फायरिंग के जो वीडियो फोटो सामने आए हैं उनमें गोली चलाने वालों की पहचान कर कार्रवाई की गई है।
तमंचे और अवैध हथियारों का प्रदर्शन
इस तरह हथियार का प्रदर्शन करने वालों में लाइसेंसी हथियार धारकों के अलावा अवैध तमंचे और पिस्टल से गोलियां चलाने वाले भी शामिल हैं। खुलेआम गोलियां चलाने वाले लोगों में दहशत तो फैलाते हैं इसके अलावा हवा में चलाई गई गोलियां लोगों को लगने की घटनाएं भी सामने आती रहीं हैं। बेकसूर लोगों को गोलियां चलाकर जख्मी करने वाले कौन हैं। किसी भी मामले में आरोपी पुलिस को नहीं मिले हैं। क्योंकि पुलिस के लिए यह पता लगाना मुश्किल होता है। गोली कहां से और किसने कब चलाई है।