scriptसजा सुनते ही आरोपी क्यों रोने लगे… | Five accused sent to jail in Constable recruitment scam | Patrika News

सजा सुनते ही आरोपी क्यों रोने लगे…

locationग्वालियरPublished: Jul 05, 2017 07:35:00 pm

Submitted by:

avdesh shrivastava

आरक्षक भर्ती घोटाले में आरोपी को जेल भेजने के आदेश दिए। यह सुनते ही आरोपी व उनके परिजन अदालत परिसर में रोने लगे।

Constable recruitment scam

Constable recruitment scam

ग्वालियर. आरक्षकभर्ती घोटाले में आरोपी दीपकपाराशर, अर्जुनवर्मा, पवनकुमार, हर्षकुमार शर्मा, शैलेन्द्रकुमार, घनश्यामसिंह, राजूसिंह, राजकुमारउर्फ राजू, टेकमसिंह, जितेन्द्रउर्फ जीतू तथा दिगंबर के खिलाफसीबीआई ने अतिरिक्त मुख्यन्यायिक मजिस्ट्रेट अरुणकुमार सिंह के सामने चालानपेश किया। कोर्ट ने पांच आरोपीदीपक, अर्जुन,पवन,हर्ष कुमारतथा जितेन्द्र को जेल भेजनेके आदेश दिए। यह सुनते ही आरोपीव उनके परिजन अदालत परिसर मेंरोने लगे।
एसीजेएमअरुण कुमार सिंह की अदालत मेंविशेष लोक अभियोजक सुमन पाण्डेने सीबीआई इंसपेक्टर राजीवगुलाटी के साथ यह चालान पेशकिया। उपरोक्त अभियुक्तगणजमानत पर थे लेकिन धारा 467,468, 471 मेंजमानत नहीं होने से पांचोंको केन्द्रीय जेल भेजे दियागया। अभियुक्त आशीष कुमारशर्मा तथा अरविंद सिंह केखिलाफ धारा 120 बी419, 42, 511 भादवितथा परीक्षा अधिनियम के तहतअभियोग प्रस्तुत किया गयाहै। उक्त धाराओं में वे पूर्वसे जमानत पर हैं।
आरोपीलोकेश कुमार शर्मा,डोरीलालपाण्डे, प्रदीपकुंतल, धर्मेन्द्रकुमार तथा जितेन्द्र सिंह केखिलाफ पर्याप्त साक्ष्य नहींहोने पर सीबीआई ने इन आरोपियोंके खिलाफ अभियोग पत्र प्रस्तुतनहीं किया है। बल्कि उनकेखिलाफ खात्मा रिपोर्ट पेशकी। अभियुक्त टीकम सिंह,राजकुमारउर्फ राजू एवं राजू सिंह जेलमें निरुद्ध हैं। इसलिए अभियोगपत्र की प्रति उन्हें जेल में उपलब्ध कराए जाने के निर्देशदिए।
तीन केखिलाफ गिरफ्तारी वारंट :न्यायालयने अभियुक्त शैलेन्द्र,दिगंबरतथा घनश्याम के अदालत मेंउपस्थित नहीं होने उनके खिलाफगिरफ्तारी वारंट जारी किए।न्यायालय ने प्रकरण की अगलीसुनवाई 11 जुलाईतय की है।

अदालत नेकरवाई परिजन से बातचीत
जिन छात्रोंको इस मामले में आरोपी बनायागया उनके परिजन का कहना था किवे अभी पढ़ रहे हैं। आगरा सेआए एक आरोपी ने न्यायालय कोबताया उसके घरवालों को यहजानकारी नहीं है कि वह जेल जारहा है। इस पर न्यायिक मजिस्ट्रेटने कोर्ट के बाबू को निर्देशदिए कि वे आरोपी को उसके परिजनसे बात करवाएं।
हड़तालहोने से नहीं दे सके जमानत केआवेदन

वकीलोंकी हड़ताल होने से इन छात्रके परिजन अपने बच्चों को जमानतपर रिहा कराने के लिए अदालतमें आवेदन भी प्रस्तुत नहींकर सके। 

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