इन दिनों बरसात की वजह से कच्चे और पत्थरीले रास्ते पर एक कदम भी नहीं रखा जा सकता है। दूसरी तरफ नदी उफान पर है तो इन पांच गांव की करीब ढाई हजार की आबादी नदी का पानी उतरने के इंतजार में है। अंतराम और उनके साथी गांव वाले कहते हैं कि जब चुनाव होता है तब गांव में नेता अधिकारी आते हैं, उनसे हर बार गांव वालों की एक मांग रहती है कि या तो ग्वालियर तक रास्ता बनवा दो या फिर आसन नदी पर पुल बना दिया जाए तो गांववालों को नदी पार करने के लिए जान जोखिम में नहीं डालना पड़े। हर बार भरोसा दिलाया जाता है कि इस बार पुल बन जाएगा या फिर सडक़ तैयार हो जाएगी। लेकिन चुनाव का नतीजा आने के बाद कोई नहीं सुनता। अब फिर नदी चढ़ी है गांववाले छोटी चीजों की जरूरत को भी पूरा करने के लिए पानी उतरने का इंतजार कर रहे हैं, जब नदी लेबल पर आएगी तब नाव चलेगी। अभी ड्रम के सहारे सिर्फ वही लोग नदी को पार कर रहे हैं जो तैरने में माहिर हैं।