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चंबल में बाढ़ : नुकसान का आकलन के लिए 50 टीमें गठित, यह है प्लान

locationग्वालियरPublished: Sep 22, 2019 04:27:06 pm

Submitted by:

monu sahu

52 गांवों में नुकसान की जानकारी जल्द देने के निर्देशबाढ़ प्रभावित गांवों में कीटनाशकों का छिडक़ाव

Flood In Chambal River latest news in hindi

चंबल में बाढ़ : नुकसान का आकलन के लिए 50 टीमें गठित

ग्वालियर। बाढ़ का पानी गांवों से निकल जाने के बाद अब इन गांव में बीमारियां फैलने की आशंका है। करीब 27 गांव में बीमारों के उपचार के साथ ही कीटनाशकों का छिडक़ाव करना चुनौती पूर्ण है। लेकिन इसके लिए प्रयास तेज कर दिए गए हैं। वहीं राहत शिविरों का जायजा लेने पहुंचीं कलेक्टर प्रियंका दास से 3 गांव के लोगों ने बार बार बाढ़ से विस्थापित होने की समस्या से गांव के बाहर बसाहट करने के लिए जमीन और आर्थिक मदद दिलाने की मांग की है। बाढ़ प्रभावित गांवों में 5 दिन के भीतर बिजली आपूर्ति व्यवस्था बहाल की जाएगी। शनिवार को कुछ प्रभावित गांवों का दौरा करने के बाद कलेक्टर ने कहा कि बिजली अधिकारी इन गांवों में खराब या क्षतिग्रस्त हुई विद्युत लाइनों, खंभों और ट्रांसफार्मर को 5 दिन के भीतर दुरुस्त करें।
ग्रामीणों ने रखा पुनर्वास का प्रस्ताव
बाढ़ प्रभावि गांव भूपकापुरा व साहसपुरा के लोगों ने कलेक्टर प्रियंका दास के समक्ष पुनर्वास की मांग रखी। ग्रामीणों ने कहा कि हर साल बाढ़ में घिरते हैं। बारिश के दिनों में हमेशा बाढ़ की आशंका बनी रहती है। गांवों में सडक़, बिजली, पानी का भी संकट रहता है। ऐसे में उन्हें बाहर मकान बनाने के लिए जमीन व आर्थिक सहायता दी जाए। कलेक्टर ने तहसीलदार के माध्यम से आवेदन भिजवाने को कहा है।

22 से खुल जाएंगे बाढ़ प्रभावित 70 स्कूल
चंबल में बाढ़ के कारण 70 स्कूलों में 18 सितंबर से घोषित अवकाश सोमवार को खत्म हो जाएगा। इन गांव में बाढ़ का पानी भर जाने और शिक्षकों के राहत व बचाव कार्य में जुुट जाने से सरकारी व निजी स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया था।
ये भी जानिए
राहत शिविरों में रह रहे 4300 लोगों को गांव वापस भिजवाया जा रहा है,
पहले वहां डीडीटी सहित अन्य कीटनाशकों का छिडक़ाव कराया जा रहा है
ग्रामीणों को दवाएं भी दी जा रही हैं, पशुओं का भी उपचार किया जा रहा है।
भूप का पुरा, साहसपुरा आदि गांवों में बच्चों को बिस्कुट वितरित किए।
राहत शिविरों में रह रहे लोगों को ताजा और शुद्ध भोजन दोनों समय उपलब्ध कराने को कहा गया है।
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