स्टूडेंट्स हेल्थ पर भी दें ध्यान केंद्रीय विद्यालयों के काउंसलर एग्जाम में पेपर हल करने के तरीके के साथ-साथ हेल्थ पर भी ध्यान दे रहे हैं। एग्जाम टाइम व प्री एग्जाम टाइम में मूड फ्रेस रखना होता है। ज्यादा से ज्यादा समय पढ़ाई पर देने के साथ ही हेल्थ पर भी ध्यान देने के टिप्स दिए जा रहे हैं। पढ़ाई के साथ थोड़े समय गेम्स भी खेलें। सुबह और शाम के समय तरोताजा रखने के लिए पार्क या छत पर जाकर बॉक भी करें। खान-पान में लिक्विड लें। हल्का भोजन लें और नींद पूरी लें।
कठिन सब्जेक्ट पर करें फोकस एमपी बोर्ड व सीबीएसई के एग्जाम की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स ज्यादा से ज्यादा समय बुक्स पर दे रहे हैं। सबसे ज्यादा फोकस कठिन सब्जेक्ट पर दे रहे हैं। इस दौरान स्टूडेंट्स ज्यादा से ज्यादा प्रश्नों के उत्तर याद करने में जुटे हैं। ये उत्तर याद करके फिर भूल रहे हैं। ऐसे समय में कोङ्क्षचग के साथ सेल्फ स्टडी पर ध्यान देना भी बहुत जरूरी है।
एग्जाम टाइम पेरेंट्स न बनाएं दबाव एग्जाम टाइम के दौरान पेरेंट्स की ओर से अच्छे अंक पाने के लिए स्टूडेंट्स पर दबाव बनाया जाता है। पेरेंट्स को लेकर भी स्टूडेंट दबाव में रहते हैं। ऐसे स्टूडेंट्स फीबर, उल्टी जैसी समस्या से ग्रस्त हो जाते हैं। एग्जाम टाइम में पेरेंट्स को बुलाकर समझाइश दी जा रही है। पे्रशर न बनाने को भी कहा जा रहा है।
इन बातों का रखें ध्यान अब तक जो पढ़ा है, उसी पर फोकस करेंं। नए प्रश्नों को याद करने की कोशिश न करें, कन्फ्यूजन होंगे। छोटे-छोटे प्वाइंट में शॉर्ट नोट्स बनाएं। रात में लेट नाइट खाना न खाएं। भोजन में तरल पदार्थ व पौष्टिक आहार लें।
हर रोज छह से सात घंटे की नींद लें। दिल घबराए तो आंखें बंद करके ध्यान लगाएं। टाइम टेबल के मुताबिक प्लान बनाकर पढ़ाई करें। एग्जाम टाइम में स्कूलों की ओर से सेम्पल पेपर दिए जाते हैं। इन पेपरों के साथ ही मैं स्टूडेंट्स को सैम्पल कॉपी देकर सिखा रही हूं। स्कूल के अतिरिक्त घर पर चार से पांच छात्र को एग्जाम की तैयारी के टिप्स भी दे रही हूं। संडे को ये संख्या सात से आठ हो जाती है। एक स्टूडेंट्स को एक से डेढ़ घंटा देना होता है।
डॉ. प्राची जैन, काउंसिलिंग साइकोलोजिस्ट