सिटी एक्सपर्ट ने दिए खास टिप्स केमिस्ट्री फर्स्ट टर्म एग्जाम के लिए स्टूडेंट्स के पास काफी कम समय शेष है। एेसे में स्टूडेंट्स पहले से ही एग्जाम में आने वाला पोर्शन तैयार रखें। रोज एक बार रिवाइज करें।
केमिस्ट्री में सबसे ज्यादा परेशान रीएक्शन करते हैं। इनकी प्रैक्टिस करते रहें। पीरियोडिक टेबल को याद रखें। प्वॉइंट और बुक से शॉर्ट नोट्स बनाकर पढ़ें। डाउट क्लियर पहले से ही रखें एग्जाम में मिलने वाले गैप के लिए न बैठें।
एसबीएस भदौरिया, केमिस्ट्री एक्सपर्ट बायोलॉजी ई-क्लास का ट्रेंड सबसे ज्यादा स्टडी को आसान बनाता है। लेक्चर से स्टूडेंट्स बोर हो जाते हैं। साइंस पढ़ना है तो विजुअल और ऑडियो के साथ पढ़ें।
जूलॉजी, बॉटनी में सबसे ज्यादा डायग्राम और डायग्राम की लेवलिंग करने पर ध्यान दें। एेसे टॉपिक जो टफ हों, उन्हें पहले लर्न करें और रोज रिवाइज करें। स्कूल में साइंस टीचर द्वारा बनाया गया वॉट्सएेप ग्रुप पर भी पैरेंट्स और स्टूडेंट्स डाउट लिखकर सेंड करें। टीचर उसका डाउट क्लियर करेंगे।
डॉ. अमृता गुप्ता, साइंस एक्सपर्ट कॉमर्स एकांउट्स पोर्शन फॉर्मेट बेस्ड होता है। इसलिए इसके क्वेश्चन की डेली प्रैक्टिस करें। एग्जाम में समय कम मिलता है और कैलुकेशन ज्यादा होता है। बिजनेस स्टडी में सिर्फ स्टूडेंट्स को लर्न करना होता है। थोड़ा सिम्पल सब्जेक्ट क्योंकि ये थीयोटिकल होता है। इसमें चैप्टर वाइज लर्न करें।
इकोनॉमिक्स में कुछ पोरशन केलक्यूलेशन का होता है, जो फॉर्मूला बेस्ड होता है। इसकी प्रैक्टिस जरूरी है। ६० प्रतिशत पोर्शन लगभग आता है, जिसकी तैयारी अभी से करना शुरू कर दें। राजेश धमानी, कॉमर्स एक्सपर्ट
मैथ्स मैथ्स में सबसे पहले स्टूडेंट्स बेसिक कॉन्सेप्ट क्लियर रखें और फॉर्मूलों का एक चार्ट तैयार करें, जिसे स्टडी रूम में लगाएं। आते-जाते नजर पडे़गी तो याद रहेगा। क्वेश्चन सॉल्व करते समय टाइमर लगाकर रखें।
रोज प्रैक्टिस करें और जिस दिन जो टॉपिक पढ़ा है, उसे उसी दिन कम्पलीट करें। एग्जाम में मिलने वाले गैप के लिए न बैठें। डाउट पहले से ही क्लियर करें। उमेश पाठक , मैथ्स एक्सपर्ट
फिजिक्स चैप्टर पढ़ें और उसमें से डेरिवेशन को सॉल्व करें। चैप्टर में से ही फॉर्मूले को पढ़ें और अपनी नोट बुक में नोट करते जाएं। शॉर्ट नोट्स खुद तैयार करें, जिससे साथ में लर्न भी होता जाएगा।
लर्निंग पार्ट को तैयार पहले से रखें और रिवीजन करते रहें। कमलेश राय, फिजिक्स एक्सपर्ट प्री प्राइमरी फर्स्ट टर्म एग्जाम : सितंबर सेकंड टर्म एग्जाम : दिसंबर थर्ड टर्म एग्जाम : मार्च
6वीं से 10वीं क्लास फर्स्ट टर्म एग्जाम : सितंबर सेकंड टर्म एग्जाम : मार्च 11वीं से 12वीं क्लास फर्स्ट टर्म एग्जाम : सितंबर सेकंड टर्म एग्जाम : दिसंबर प्री बोर्ड एग्जाम : जनवरी
थर्ड टर्म एग्जाम : मार्च कैट, मैट और जेईई मेंस की भी तैयारी 11वीं और 12वीं के स्टूडेंट्स जईई मेंस, कै ट, मैट आदि एग्जाम की तैयारी भी साथ में करते हैं। इसके लिए भी समय देना होगा। एेसे में सबसे ज्यादा फोकस स्टूडेंट्स बोर्ड एग्जाम पर होना चाहिए। क्योंकि आपका कॅरियर १२वीं के मार्क्स पर ही डिपेंड करता है।