इंडिया में प्रेग्नेंसी योगा को लेकर लोग कितने अवेयर हैं? पिछले तीन साल में लोग अवेयर हुए हैं। मेट्रो सिटीज में प्रेग्नेंट लेडी योगा करती हैं। अब छोटे शहरों में भी लोग जागरुक हो रहे हैं। जागरुकता फैलाने के लिए हम लोग फ्री वर्कशॉप भी करते हैं।
फॉरेन कंट्रीज में प्रेग्नेंसी योगा कितना पॉपुलर है? 80 परसेंट वुमंस प्रेग्नेंसी योगा करती हैं, जिनके पास समय नहीं है, वे ट्रेनिंग लेकर अपने घर पर ही फॉलो करती हैं। प्रेग्नेंसी योगा को कितने मॉड्यूल में बांटा गया है?
यह तीन मॉड्यूल में है। हर मॉड्यूल तीन माह का है। फर्स्ट मॉड्यूल में प्रेग्नेंट लेडी को टाइगर ब्रीथिंग योग, विपरिता करिणी, नाड़ी शुद्धि योग करना चाहिए। दूसरे मॉड्यूल में त्रिकोणासन, वीरभद्रासन करना चाहिए। थर्ड मॉड्यूल में भद्रकोण आसन, मलासन और ब्राह्मरी करना चाहिए। लेकिन इन सभी को करने से पहले ट्रेनर की एडवाइज जरूरी है।
योग कब और कितने समय करना चाहिए? योग के लिए सबसे बेस्ट टाइम अर्ली मॉर्निंग या ईवनिंग होता है। फिर भी यदि प्रेग्नेंट लेडी को समय नहीं मिलता, तो वे ब्रेक फास्ट के एक घंटे बाद 30 मिनट कर सकती हैं। वैसे नॉर्मल लोगों के लिए योग ब्रेक फास्ट के दो घंटे बाद और लंच के 3 से 4 घंटे बाद किया जाना चाहिए।
प्रेग्नेंसी योगा से नॉर्मल डिलेवरी के चांसेज का क्या रेश्यो है? योगा करने से नॉर्मल डिलेवरी के चांसेज 80 परसेंट बढ़ जाते हैं, फिर भी योग ट्रेनर के सजेशन पर ही करना चाहिए। इससे नौ माह तक आने वाली प्रॉब्लम से भी बचा जा सकता है और डिलीवरी के बाद वजन का बढ़ना, शरीर का बेडोल होना आदि प्रॉब्लम भी नहीं होती।
प्रेग्नेंट लेडी का फीटल टॉक करना कितना सही है? प्रेग्नेंट लेडी को फीटल टॉक करना चाहिए। गर्भ में 5वें महीने के बाद बच्चा सुन सकता है। इसलिए मां को उससे बातें करनी चाहिए। क्योंकि बच्चा मां की आवाज को भलीभांति पहचानता है।