पहली बार नहर में पानी आया और फूट गई नहर
ग्वालियरPublished: Mar 24, 2021 11:46:49 pm
मुरैना. अंबाह ब्रांच कैनाल की 6 एल माइनर नहर मंगलवार की रात आठ बजे फूट गई जिससे पिपरई गांव के आधा सैकड़ा किसानों की करीब 100 बीघा गेंहू की फसल पानी भरने से बर्बाद हो गई। विभागीय उदासीनता के चलते 28 घंटे बाद नहर में पानी की सप्लाई बंद हो सकी। अगर समय रहते सप्लाई बंद हो जाती तो किसानों की गेंहू की फसल को कम नुकसान होता।
पहली बार नहर में पानी आया और फूट गई नहर
नहरों के सीमेंटीकरण पर करोड़ों रुपए विश्व बैंक के सहयोग से खर्च किया जा चुका है। अंबाह ब्रांच कैनाल की 6 एल माइनर नहर का भी दो साल पहले सीमेंटीकरण किया गया था। निर्माण घटिया होने से पहली बार पानी आते ही नहर फूट गई। यह माइनर पिपरई के अलावा बिंडवा, मसूदपुर गांव के लिए पानी की सप्लाई करती है लेकिन जब से नहर बनी है तब से पहली बार पानी पहुंचा लेकिन नहर फूटने से किसानों के लिए मुसीबत पैदा कर दी।
रात में ही की शिकायत
मंगलवार की रात आठ बजे नहर फूटी और ग्रामीणों ने शिकायत कर दी उसके बाद भी दूसरे दिन बारह बजे विभागीय अमला जेसीबी लेकर पहुंचा तब पानी की सप्लाई बंद करवाई और नहर को दुरस्त किया गया। इस मामले में विभागीय उदासीनता व अनदेखी स्पष्ट नजर आ रही है। किसानों का कहना हैं कि पिपरई मौजे की करीब 100 बीघा गेंहू फसल पूरी तरह डूब चुकी है, सिर्फ गेंहू की बाली ऊपर रह गई। एक तो गेंहू गल जाएगा और दूसरे हवा चलने पर गिर जाएगा। ऐसी स्थिति में फलस पूरी तरह बर्बाद हो गई।
अधिकारी नहीं करते पेट्रोलिंग
जल संसाधन विभाग के अधिकांश अधिकारी ग्वालियर से अपडाउन करते हैं। वह भी अनुबंधित गाडिय़ों से आना जाना रहता है और इन गाडिय़ों की लॉगबुक फील्ड में भ्रमण के नाम पर भरी जाती हैं। चर्चा है कि जब से नहर में पानी आया है तब से विभाग के जिम्मेदार अधिकारी नहर पर गए भी नहीं हैं। बिडंवना है कि अधिकारियों के बंगले अलॉट हैं और उन पर कर्मचारी भी तैनात हैं लेकिन अधिकारी मुख्यालय पर नहीं रहते। अधिकारियों के न रहने से अधीनस्थ भी नहीं रहते और वह मनमानी कर रहे हैं।