अभी भी एक दिन छोड़कर सिर्फ १ घंटे पानी की सप्लाई हो रही है। ऐसे में यहां से अगर दूसरे क्षेत्र में पानी की सप्लाई की तो हम फिर से परेशान हो जाएंगे। इस पर यहां मौजूद पीएचई अधिकारियों ने लोगों को समझाया कि जो इंजीनियरिंग शासकीय स्कूल मामा का बाजार से बाड़ा तक सड़क का निर्माण किया जाना है। इसलिए यहां पर लाइन डाली जा रही है बाद में यहां सड़क को खोदना पड़ता। अधिकारियों ने जब आश्वस्त किया कि लाइन का मिलान नहीं किया जाएगा और टंकी से पानी दूसरे क्षेत्रों में नहीं दिया जाएगा बल्कि योजना के तहत टंकी में पानी नए बन रहे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से लाया जाएगा। इसके बाद ही लोग माने।
2013 में बनी है टंकी
हेम सिंह की परेड के आसपास अवार्ड ४७, ४८, ५२ और ५३ के कुछ हिस्सों में पानी की कई सालों से समस्या थी। इस पर एडीबी प्रोजेक्ट के तहत २०१३ में यहां टंकी बनी और पानी की सप्लाई शुरू की गई। जिससे लोगों को राहत मिली। टंकी की क्षमता २० लाख लीटर की है और यह भी क्षेत्र के लिए पर्याप्त नहीं है।
अमृत योजना के तहत सभी टंकियों को जोडऩा है। इसके तहत ही नए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से टंकी को जोडऩे के लिए लाइन डाली जाना थी। यहां पर सड़क का निर्माण होना है इसलिए लाइन डाली गई है। टंकी से पानी दूसरे क्षेत्र में सप्लाई नहीं किया जाना है।
विनोद छारी, कार्यपालन यंत्री, पीएचई नगर निगम
विनोद छारी, कार्यपालन यंत्री, पीएचई नगर निगम