बढ़े 2 हेक्टेयर एरिया में शिफ्ट होंगे रेप्टाइल और बर्ड केज
वर्तमान समय में चिडिय़ाघर लगभग 10 हेक्टेयर में फैला हुआ है। हाल ही में चिडिय़ाघर को 2 हेक्टेयर जगह मिली है, जिसमें रेप्टाइल और बर्ड के पिंजरे शिफ्ट किए जाएंगे। जू में बच्चों के लिए बाल रेल, मिक्की माउस, वाटर बोट और झूले है। जगह-जगह बैठने के लिए बेंचेज बनाई गई हैं। एंट्री गेट पर झरना, ब्रिज आकर्षण का केन्द्र है।
फॉरेनर भी लेते हैं इंटरेस्ट
चिडिय़ाघर प्रबंधन की माने तो प्रतिवर्ष देशी विजिटर्स के साथ फॉरनेर्स की संख्या में भी बढ़ोत्तरी हो रही है। हर साल यहां 100 से अधिक विदेशी पर्यटक विजिट करते हैं।
क्या कहते हैं आंकड़े
वर्ष- जू लवर्स की संख्या
2013-14- 4 लाख 66 हजार 565
2014-15- 5 लाख 57 हजार 195
2015-16- 3 लाख 67 हजार 86 (बर्ड फ्लू संक्रमण के कारण अक्टूबर से फरवरी तक जू बंद रहा)
2016-17- 5 लाख 60 हजार
2017-18- 5 लाख 40 हजार 268
2018-19- 4 लाख 50 हजार 985
2019-20- 4 लाख 25 हजार (17 मार्च तक की एंट्री)
जू में एनीमल्स एवं बड्र्स
टाइगर- 6, लॉयन- 2, लेपर्ड- 4, हिप्पो- 3, चिंकार- 4, चीतल- 18, ब्लैक बक- 12, साम्बर- 5, बंदर- 15, लंगूर- 6, मोर- 8, तोता- 50, शुतुरमुर्ग- 2, ईमू- 5, लकड़बग्घा- 1, जंगली सुअर-4, मगरमच्छ- 12, घडिय़ाल- 7, हिमालयन भालू-2, देशी भालू- 4,
वर्जन
डोमेस्टिक के साथ फॉरेनर्स पर्यटक भी चिडिय़ाघर देखना पसंद करते हैं। ऐसे पर्यटक हर साल लगभग 100 से अधिक आ जाते हैं। चिडिय़ाघर के बढ़े 2 हेक्टेअर एरिया में रेप्टाइल और बर्ड केज शिफ्ट किए जाएंगे। यह कार्य जल्द होगा।
डॉ. उपेन्द्र यादव, प्रभारी, चिडिय़ाघर