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पूर्व राष्ट्रपति का पीए बताकर की थी धोखाधड़ी, हाईकोर्ट ने एफआईआर खारिज करने से किया इनकार

locationग्वालियरPublished: Jun 01, 2019 07:41:37 pm

Submitted by:

Rahul rai

न्यायमूर्ति शील नागू ने आवेदन खारिज करते हुए कहा कि आरोपी की ओर से सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित जो न्यायिक दृष्टांत प्रस्तुत किए गए हैं, उनके तथ्य इस प्रकरण से भिन्न हैं, इसलिए इसका लाभ आरोपी को नहीं दिया जा सकता

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पूर्व राष्ट्रपति का पीए बताकर की थी धोखाधड़ी, हाईकोर्ट ने एफआईआर खारिज करने से किया इनकार

ग्वालियर। तत्कालीन, पूर्व राष्ट्रपति का पीए बताकर डॉ.एएस भल्ला के साथ धोखाधड़ी करने वाले भास्कर घोष द्वारा एफआईआर खारिज करने के लिए प्रस्तुत याचिका को उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है। न्यायालय ने कहा कि प्रकरण के गुण-दोष पर विचार किए बिना आरोपी को कोई लाभ नहीं दिया जा सकता है। न्यायमूर्ति शील नागू ने आवेदन खारिज करते हुए कहा कि आरोपी की ओर से सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित जो न्यायिक दृष्टांत प्रस्तुत किए गए हैं, उनके तथ्य इस प्रकरण से भिन्न हैं, इसलिए इसका लाभ आरोपी को नहीं दिया जा सकता।
न्यायालय ने कहा कि इस मामले में ऐसी कोई टिप्पणी नहीं की जा रही है जिससे प्रकरण की ट्रायल प्रभावित हो। एडवोकेट सौरभ पाराशर द्वारा आवेदन का विरोध करते हुए कहा गया कि आरोपी ने जिस प्रकार से धोखाधड़ी की है उसे देखते हुए उसके आवेदन को खारिज किया जाए। एडवाकेट पाराशर का कहना था कि डॉ.भल्ला को अस्पताल के निर्माण के लिए लोन की जरूरत थी।
आरोपी भास्कर घोष ने अपनी ऊंची पहुंच का हवाला देते हुए उन्हें आश्वस्त किया कि वे लोन दिला देंगे। आरोपी ने कहा था कि वह अपने मित्रों के जरिए उन्हें लोन दिलाएंगे। इसके लिए दुबई जाने के लिए टिकट भी बुक किए गए थे, लेकिन बाद में आरोपी द्वारा बहाना बनाकर इसे रद्द कर दिया गया था। इसके लिए डॉ.भल्ला ने आरोपी को 8 लाख रुपए भी दिए, लेकिन वह मुकर गया और जो पैसे लिए थे, वह देने से इनकार कर दिया।
शिकायतकर्ता ने आरोपी से 8 लाख रुपए वापस लेने के लिए मेल पर तथा फोन पर भी कई बार कहा, लेकिन आरोपी ने कोई जवाब नहीं दिया था। डॉ.भल्ला की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ इंदरगंज थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था। भादसं की धारा 420 के इस मामले को खारिज करने के लिए आरोपी द्वारा आवेदन उच्च न्यायालय में पेश किया गया था।
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