मध्यप्रदेश में अनुकरणीय सुपर 200 योजना
ग्वालियरPublished: Sep 17, 2019 02:28:57 pm
मध्यप्रदेश सरकार ने भोपाल और इंदौर में चल रही सुपर 100 योजना का दायरा बढ़ाकर इसे ग्वालियर व जबलपुर में भी लागू करने और योजना को वृहद आकार देते हुए सुपर 200 में तब्दील करने का जो निर्णय किया है, वह वास्तव में अनुकरणीय है। इससे अब प्रदेश में 100 के स्थान पर 200 प्रतिभावान बालक ऊंचे स्तर का संपूर्ण अध्ययन कर पाएंगे और आईआईटी-जेईई, नीट, सीए, सीपीटी जैसी प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए आवश्यक उन्नत कोचिंग भी सरकार के स्तर पर प्राप्त कर पाएंगे।
सुपर 200 में आने की अभिलाषा रखने वाले विद्यार्थी
मध्यप्रदेश सरकार ने भोपाल और इंदौर में चल रही सुपर 100 योजना का दायरा बढ़ाकर इसे ग्वालियर व जबलपुर में भी लागू करने और योजना को वृहद आकार देते हुए सुपर 200 में तब्दील करने का जो निर्णय किया है, वह वास्तव में अनुकरणीय है। इससे अब प्रदेश में 100 के स्थान पर 200 प्रतिभावान बालक ऊंचे स्तर का संपूर्ण अध्ययन कर पाएंगे और आईआईटी-जेईई, नीट, सीए, सीपीटी जैसी प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए आवश्यक उन्नत कोचिंग भी सरकार के स्तर पर प्राप्त कर पाएंगे। आज के दौर में इस तरह की पहल की बहुत जरूरत है। सबसे पहले तो यह कि योजना के लिए चयनित होने वाले विद्यार्थी का मनोबल इतना बढ़ जाएगा कि उसके भविष्य के लिए आगे का सफर बहुत आसान हो जाएगा। सब जानते हैं कि किसी तकनीकी कॉलेज का हिस्सा बनने के लिए आज कोचिंग बहुत आवश्यक हो गई है और कोचिंग काफी महंगी है, जिसे वहन कर पाना बहुत सारे अभिभावकों के लिए संभव नहीं है। सुपर 100 में ऐसे बच्चों को पूरी मदद मिल रही थी। अब यह मदद 200 बच्चों को मिल पाएगी। ग्वालियर व जबलपुर के लिए यह इस दृष्टि से उपयोगी है कि पूरे प्रदेश के लिए ओपन होने के बावजूद इन दोनों शहरों को इसलिए लाभ होगा कि इन शहरों के बच्चे बड़ी संख्या में अब योजना का हिस्सा बन पाएंगे। इन शहरों के प्रतिभावान बच्चे तो अब भी सुपर 100 में चयनित हो रहे थे, पर उनमें से कई के अभिभावक उन्हें पढऩे के लिए भोपाल या इंदौर भेजने में संकोच कर रहे थे। अब अपने ही शहर में व्यवस्था होने से उन्हें ये संकोच नहीं रहेगा। मध्यप्रदेश सरकार इसके लिए साधुवाद की पात्र है। सरकार की अच्छी भावना को देखते हुए उससे प्रदेश के अन्य इलाकों की उम्मीद भी बनती है कि इस तरह की योजना उनके यहां भी लागू की जाए, ताकि ग्वालियर व जबलपुर की तरह वहां भी अधिकाधिक बच्चों को फायदा मिल सके और वे अपना बेहतर भविष्य बना सकें।