सभी लैंग्वेज की जानकारी होना बन चुका है ट्रेंड प्रो. कुलश्रेष्ठ ने कहा कि सभी लैंग्वेज की जानकारी होना आज का ट्रेंड बन चुका है। यही कारण है कि देशभर में इंग्लिश के साथ ही फ्रंच और जर्मन की क्लासेस भी शुरू हो चुकी हैं। इंटरनेशनल लेवल पर जो भी इवेंट होते हैं, उन सभी में फ्रंच काम आती हैं। वर्ल्ड में एमओयू साइन होने पर जर्मन और फ्रंच का यूज होता है।
देश-दुनिया का भ्रमण करने वाले लोगों के लिए फ्रंच और जर्मन की जानकारी होना बहुत जरूरी है। 75 साल के जयंत भिड़े ने भी सीखी फ्रंच इस सर्टिफिकेट कोर्स में जयंत भिड़े ने भी भाग लिया, जो 75 साल के थे। उनमें भी फ्रंच सीखने का जुनून था। स्पीकर के रूप में उपस्थित चन्द्रशेखर बरुआ ने पार्टिसिपेंट्स को बताया कि आपकी पर्सनालिटी केवल भाषा के ज्ञान से नहीं निखरती, उसके लिए आपको बोलने का तरीका, बोलते समय बॉडी पोश्चर का सही होना भी जरूरी है। प्रोग्राम को-ऑर्डिनेटर के रूप में डॉ. सीएस बरुआ, अमित तिवारी मौजूद रहे।