ग्लोबलाइज हो चुका बप्पा का त्योहार महाराष्ट्र से शुरू हुआ गणेश चतुर्थी आेकेजन आज ग्लोबलाइज हो चुका है। प्रदेश के साथ ही ग्वालियर में भी इसे जबरदस्त तरीके से सेलिब्रेट किया जाता है। इस बार गली-मोहल्ले के साथ अधिकतर शैक्षणिक संस्थानों में गणपति विराजेंगे। युवाओं ने अपने कॉलेज और हॉस्टल के लिए पीओपी के श्रीगणेश रखने के बजाए मिट्टी के बप्पा तैयार किए हैं, जो आज स्थापित किए जाएंगे। यह धूम अब 10 दिन शहर में देखने को मिलेगी।
पर्यावरण सेव के लिए परिसर में ही करेंगे विसर्जन संस्थानों के माध्यम से एक आेर जहां मिट्टी के गणेशजी बनाए जा रहे हैं। वहीं इनको विसर्जित करने के लिए भी प्लान तैयार किया गया है। एक शैक्षणिक संस्थान के हॉस्टल में स्टूडेंट्स के अलग-अलग ग्रुप ने बनाए हैं, जो श्रीगणेश की स्थापना करेंगे। इन मूर्तियों को विसर्जित करने के लिए वह एक टैंक में डालेंगे, जिससे पर्यावरण भी सेव रह सके।
हमारे ग्रुप ने घर जाना किया कैंसिल एमआइटीएस से बीटेक कर रहे आयुष का कहना है कि हमारे ग्रुप को कुछ दिनों के लिए अपने-अपने काम से घर जाना था, लेकिन गणेश चतुर्थी सेलिब्रेट करने के लिए हमने कैंसिल किया। अब १० दिन बप्पा के जयकारे लगाएंगे। आइटीएम यूनिवर्सिटी से एमबीए कर रहे हॉस्टलर पवन शिंदे बताते हैं कि हम आज गणपति विराजेंगे। हमने चार टीमें बनाई हैं, जो बारी-बारी से पूजन में शामिल होंगे। शाम के सयम भजन कार्यक्रम होगा।
स्टूडेंट्स ने बनाए गणपति, स्थापना आज शैक्षणिक संस्थानों की ओर से वर्कशॉप भी आयोजित कराई गईं, जिसमें स्टूडेंट्स को स्वयं से श्रीगणेश बनाना सिखाया गया। इसी क्रम में आइटीएम यूनिवर्सिटी में भी बुधवार को ईको फ्रेंडली गणेश मेकिंग वर्कशॉप आयोजित हुई। आर्टिस्ट अनिल बाथम ने साधारण मिट्टी से गणेशजी के कई प्रकार के खूबसूरत डिजाइन बनाना सिखाया। स्कूल ऑफ आर्ट्स डिजाइन एंड डिजाइन के फ ाइन आर्ट क्लब द्वारा इस वर्कशॉप को संचालित किया गया। यूनिवर्सिटी के ग्रेविटी मेडिटेशन सेंटर में आज श्रीगणेश स्थापित किए जाएंगे। 10 दिन तक सुबह और शाम आरती, भजन होंगे।