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तीन महानगरों में संपत्ति पर वसूला जा रहा गारबेज शुल्क जबकि ग्वालियर में संपत्ति के आकार से दरें की गई हैं प्रस्तावित

locationग्वालियरPublished: Jan 16, 2022 11:15:30 am

Submitted by:

Narendra Kuiya

– नगर निगम को गारबेज शुल्क पर सौंपे जाने वाले मांग पत्र को लेकर चैंबर में हुई बैठक

तीन महानगरों में संपत्ति पर वसूला जा रहा गारबेज शुल्क जबकि ग्वालियर में संपत्ति के आकार से दरें की गई हैं प्रस्तावित

तीन महानगरों में संपत्ति पर वसूला जा रहा गारबेज शुल्क जबकि ग्वालियर में संपत्ति के आकार से दरें की गई हैं प्रस्तावित

ग्वालियर. मप्र चैंबर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री (एमपीसीसीआइ) की ओर से नगर निगम को गारबेज शुल्क सौंपे जाने वाले मांग पत्र पर शनिवार की शाम चैंबर भवन में बैठक संपन्न हुई।
इसमें चैंबर अध्यक्ष विजय गोयल ने कहा कि चैंबर ने प्र्रदेश के इंदौर, भोपाल, जबलपुर की दरों का चार्ट बनाकर तुलनात्मक अध्ययन किया है। इसके बाद यह बैठक रखी गई है। उन्होंने औद्योगिक प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि आप बैठक में तो अपने सुझाव रखें ही, साथ ही हमें लिखित में भी इन्हें भेजें ताकि निगम प्रशासन से की जाने वाली चर्चा में उसे शामिल किया जा सके। मानसेवी सचिव डॉ.प्रवीण अग्रवाल ने ग्वालियर में प्रचलित गारबेज शुल्क की दरों से तुलना करते हुए भोपाल, इंदौर और जबलपुर में प्रचलित दरों का विश्लेषण बताते हुए कहा कि इन महानगरों में आवासीय, गैर आवासीय और औद्योगिक केवल तीन श्रेणियों में गारबेज शुल्क वसूल किया जा रहा है और वह भी केवल सम्पत्ति पर, उसके आकार पर नहीं। जबकि ग्वालियर में सम्पत्ति के आकार के हिसाब से दरें प्रस्तावित की गई हैं, जो कि तीनों महानगरों की तुलना में अत्यधिक हैं। चर्चा उपरांत निर्णय लिया गया कि बैठक में आए सुझावों को समाहित करते हुए शीघ्र ही नगर निगम आयुक्त के साथ इस विषय पर बैठक करके इसमें व्याप्त विसंगतियों को दूर करने की मांग की जाएगी। बैठक में सभी मौजूद सभी लोगों ने कहा कि हमारा शहर ग्वालियर इंदौर, भोपाल और जबलपुर की तुलना में कम विकसित है और स्वच्छता में पीछे है इसके विपरीत हमसे गारबेज शुल्क अत्याधिक लिया जा रहा है और इसमें भी काफी विसंगतियां हैं। विसंगतियों पर निगम प्रशासन के साथ बैठक कर, चर्चा की जाना चाहिए और इसके बाद ही गारबेज के संबंध में निर्णय लिया जाना चाहिए। बैठक में चैंबर कोषाध्यक्ष वसंत अग्रवाल, लव कुमार गर्ग, शरद आहूजा, अशोक शर्मा, जगदीश मित्तल, सचदेव कंजानी, सोबरन सिंह तोमर आदि मौजूद थे।
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