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सिलेंडर से गैस रिसती रही जब बदबू आई तो अरुण ने किचन का दरवाजा खोला और अंदर जाकर देखा अंधेरा होने से उसने उजाले के लिए बल्ब जलाने जैसे ही स्विच ऑन किया,
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विस्फोट हो गया और किचन में आग लग गई, जिसमें अरुण और उसका ममेरा भाई विशाल झुलस गया। अरुण की हालत गंभीर होने पर घरवाले उसे अस्पताल लेकर पहुंचे, पांच दिन बाद उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। माधौगंज थाना पुलिस ने शव का पीएम कराकर मर्ग कायम किया है।
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आपको बता दें कि अभी कुछ दिन पूर्व ही शहर में एक तोमर परिवार के यहां भी गैस सिलेंडर में विस्फोट हो गया था। जिसमें करीब छह लोग घायल हो गए। साथ ही एक को गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि इस विस्फोट में किसी भी तरह की जनहानी तो नहीं हुई थी। लेकिन फिर भी परिवार को काफी नुकसान झेलना पड़ा था। वहीं अब सभी लोग सही है।
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टूट गए पिता के सपने
रमेश मजदूरी करते हैं। घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। किसी तरह बच्चों का पेट पाल रहे हैं। बेटा अरुण पढ़ाई में होशियार था। उन्हें भरोसा था कि वह पढ़ कर उनके बुढ़ापे का सहारा बनेगा, लेकिन अरुण की मौत से उनके सपने टूट गए।