scriptतीन सप्ताह बाद भी स्वर्ण रेखा साफ नहीं, बह रहा गंदा पानी | Gold line not clear even after three weeks, dirty water flowing | Patrika News

तीन सप्ताह बाद भी स्वर्ण रेखा साफ नहीं, बह रहा गंदा पानी

locationग्वालियरPublished: Apr 06, 2021 06:43:56 pm

शहर के बीच से गुजरी स्वर्ण रेखा के अंदर डाली गई सीवर लाइन को अमृत योजना के तहत एक सप्ताह में साफ करना था, लेकिन निगम के जिम्मेदारा द्वारा…

cms_image-2

तीन सप्ताह बाद भी स्वर्ण रेखा साफ नहीं, बह रहा गंदा पानी

ग्वालियर. शहर के बीच से गुजरी स्वर्ण रेखा के अंदर डाली गई सीवर लाइन को अमृत योजना के तहत एक सप्ताह में साफ करना था, लेकिन निगम के जिम्मेदारा द्वारा आज तक वह साफ नहीं हो सकी है। जबकि निगम आयुक्त शिवम वर्मा ने बीते दिनों निरीक्षण कर एक सप्ताह में सीवर लाइन को साफ करने के निर्देश दिए थे। जबकि तीन हफ्ते से अधिक समय बाद भी सीवर लाइन साफ नहीं हो पाई है। यही वजह है कि स्वर्ण रेखा में आज भी नालों और सीवर का पानी बह रहा है। जिसकी ओर निगम के जिम्मेदारो का कोई ध्यान नहीं है। वहीं हनुमान बांध और मुरार नदी में भी सीवर का गंदा पानी भरा हुआ है।
उल्लेखनीय है कि स्वर्णरेखा नदी में सीवर लाइन डाली गई है लेकिन नियमित रूप से सीवर लाइन की साफ सफाई न होने से उसके अंदर मिट््टी एवं कचरा जम चुका है, जिसके चलते सीवर का पानी लाइन से बाहर निकलकर स्वर्णरेखा नदी में बह रहा है। करीब तीन सप्ताह पूर्व निगमआयुक्त शिवम वर्मा ने स्वर्ण रेखा नदी, मुरार नदी और हनुमान बांध का निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने स्वर्ण रेखा में गंदगी देख नोडल अधिकारी शिशिर श्रीवास्तव को कड़ी फटकर लगाते हुए कहा था कि एक हफ्ते में सीवर लाइन को साफ कर उसमें सभी नालों को मिलाने का कार्य तेजी के साथ किया जाए। इसके बाद भी सीवर लाइन आज तक साफ नहीं हो सकी है, जिससे लोगों को खासी परेशानी का सामना भी करना पड़ रहा है।

मशीन से भी नहीं करवाई सफाई
नगर निगम द्वारा सीवर साफ सफाई के लिए हर साल करोड़ों रुपए का बजट रखा जाता है इसके बाद भी स्वर्णरेखा नदी में डाली गई सीवर लाइन पूरी तरह से जाम हो गई। अब सीवर लाइनों को साफ करने के नाम पर भी करोड़ों रुपए खर्च कर साफ सफाई की मशीनें भी निगम ने खरीद ली हैं, लेकिन आज तक इनका उपयोग भी स्वर्ण रेखा में डाली गई सीवर लाइन को साफ करने के लिए नहीं किया गया है। जिससे इन करोडा़े रुपए का भी पता नहीं चल रहा है कि आखिर पैसा कहां खर्च हो रहा है।
नालों में लगानी थी टेपिंग जाली
निगम के अधिकारियों ने बताया कि करीब 14 किलोमीटर लंबी स्वर्णरेखा नदी में 84 के लगभग नाले आकर मिलते हैं। इन सभी नालों टेपिंग जाली लगानी थी। जिससे इस जाली में जो भी कचरा बहकर आता है वह फंस जाता था और बिना कचरे वाला पानी सीवर लाइन में डाला जान था जिसके कारण इस नदी में सिर्फ बारिश का ही पानी बहता रहे, लेकिन ऐसा नहीं किया गया जिसके चलते नाला जाम हो गया।
फैक्ट फाइल
14 किलोमीटर लंबी है स्वर्ण रेखा
84 नाले मिले है स्वर्णरेखा में
30 कर्मचारियों की लगाई गई है ड्यूटी
04 डंफर लगाए गए हैं साफ सफाई में
02 जेसीबी लगी है सफाई में
03 सप्ताह में नहीं हुई सफाई
08 किलोमीटर तक हो चुकी हैं सफाई
02 सप्ताह और लग सकते हैं सफाई में
बोट क्लब में भर दिया गंदा पानी
निगमायुक्त ने बोट क्लब में नाव चलाने का आदेश दिया था। इसके लिए इसमें एसटीपी से साफ पानी भरने के लिए भी कहा गया था। लेकिन रविवार छुट्टी और लॉकडाउन के चलते निगम के जिम्मेदारों ने सीवेज का गंदा पानी जो कि स्वर्णरेखा नाले से बहकर आता है, उसे बोट क्लब में भरना प्रारंभ कर दिया है। वहीं नोडल अधिकारी का कहना है कि साफ सफाई के चलते गंदा पानी पीछे की तरफ छोड़ा गया है। बोट क्लब में गंदा पानी नहीं भरा गया है।

लाखों रुपए का घोटाला होता है
प्रतिवर्ष स्वर्ण रेखा नाले की सफाई के नाम पर लाखों रुपए का घोटाला होता है। इस वर्ष भी स्वर्ण रेखा की वही स्थिति है क्योंकि जो अधिकारी इसकी देखभाल करते हैं, वह राजनीतिक और प्रशासनिक पहुंच की वजह से उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती है और वह हर बार बच जाते हैं।
कृष्णराय दीक्षित नेता प्रतिपक्ष
संबंधित पर सख्त कार्रवाई की जाएगी
स्वर्ण रेखा नदी में सीवर लाइन को साफ करने के निर्देश मैंने निरीक्षण के दौरान दिए गए थे। इस कार्य को एक सप्ताह के अंदर पूरा करना था यदि ऐसा नहीं हुआ है तो संबंधित पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
शिवम वर्मा, आयुक्त नगर निगम
8 किमी की सफाई हो चुकी है
स्वर्ण रेखा नदी में अभी करीब 8 किलोमीटर की साफ सफाई हो चुकी है, बाकि सफाई करने में अभी दो सप्ताह से अधिक का समय लग सकता है।
शिशिर श्रीवास्तव, नोडल अधिकारी स्वर्ण रेखा

ट्रेंडिंग वीडियो