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ग्वालियर

एमपी के इस गांव में मिली सोने की खदान,सोना इतना की जानकर दंग रह गया हर कोई

एमपी के इस गांव में मिली सोने की खदान,सोना इतना की जानकर दंग रह गया हर कोई

ग्वालियरApr 06, 2018 / 04:34 pm

monu sahu

gold mine in madhya pradesh
ग्वालियर। ग्वालियर चंबल संभाग में वैसे तो प्रकृति ने अपना खूब खजाना लुटाया है। लेकिन बेशकीमती धातुओं का भी इसे तोहफा दिया है। भिण्ड और श्योपुर से सटे गावं में सोने की खदान मिलने के प्रमाण मिले हैं। यहां जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा कराई गई ड्रिलिंग में जो सेम्पल मिले उसमें इस बात की पुष्टि भी हो रही है।
ये सेम्पल अब नागपुर स्थित सेंट्रल इंडिया के मुख्यालय भेजे गए हैं। उल्लेखनीय हे कि कुछ वर्ष पूर्व भी यहां सोने की खदान मिलने की चर्चा हुई थी। जिसके बाद बड़ी संख्या में लोग उसे देखने पहुंचे थे,लोगों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल भी तैनात कर दिया गया था।
गांव में निकला हजारों टन सोना
क्षेत्र के जंगलों में इन दिनों हैदराबाद की कंपनी गैस और क्रूड ऑयल की संभावना तलाश रही है। इस कंपनी के 500 से ज्यादा कर्मचारी और 100 से ज्यादा वाहन विशेष सर्वे में लगाए गए हैं। भारत सरकार की ऑयल एंड नैचुरल गैस कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा प्रदेश के 11 वन मंडलों में यह खोज करवाई जा रही है। हालांकि यह काम अभी चल रहा है और इसके नतीजे कुछ समय बाद सामने आएंगे कि हमारे इलाके में गैस या ऑयल मिलने की संभावना है या नहीं। आपको बता दें इससे पहले मध्यप्रदेश के विदिशा और रायसेन में भी कंपनी तेल के लिए खुदाई कर चुकी है।
और यहां मिल रहे है सिक्के
भिण्ड के प्राचीन उमरेश्वर महादेव मंदिर के परिसर से जमीन में छिपे दफीने को स्थानीय ग्रामीण खुले आम खोद कर ले जा रहे हैं। गुजरे लगभग एक माह में 100 से ज्यादा चांदी के सिक्े अब तक यहां से निकाले जा चुके हैं। लोगों ने कुछ सिक्के मंदिर के वृद्ध पुजारी रामस्वरूप को भी सौंपे हैं। जबकि पुलिस और पुरातत्व विभाग को अब तक इसकी कोई जानकारी नहीं है। भिण्ड शहर से करीब 15 दूर ऊमरी कस्बे के कनावर रोड पर स्थित बड़े तालाब के पास वाले प्राचीन उमरेश्वर महादेव मंदिर के परिसर से जमीन में छिपे 100 से ज्यादा चांदी के सिक्के यहां से निकाले जा चुके हैं। साथ ही यहां पर बुधवार को फिर से सिक्के निकल थे।
कई लोगों को मिले सिक्के
मंदिर के महंत पं.रामस्वरूप ने बताया कि यह मंदिर लगभग 1100 साल पुराना है तथा इसका निर्माण यहां महोबा के राजाओं पर चढ़ाई करने के लिए आए दिल्ली के सुल्तान पृथ्वीराज चौहान ने पड़ाव करने के दौरान कराया था। मंदिर के बाजू में बने एक पुराने कक्ष की जमीन से ये सिक्के निकल रहे हंैं,जो कि कुछ दिनों पहले गिर गया था। मंदिर प्रबंधन कमरे के पास नई बाउण्उीवाल का निर्माण करा रहा है जिसकी वजह से कमरे में पड़े मलबे की भी खुदाई व सफाई हो रही है।
इसी खुदाई में यहां चांदी के सिक्केनिकल कर आ रहे हैं। यहां जानकारी मिलते ही अन्य राज्यों से भी लोग सिक्के की मिलने को लेकर आए थे और कई लोगों को यहां से सिक्के भी मिल चुके हैं। पुजारी ने बताया कि अभी हाल ही में 10-12 चांदी के पुराने सिक्के हैं,जो कि अंग्रेजों के शासन काल के 100 से 135 साल तक पुराने हैं। उन पर विक्टोरिया एम्प्रेस के चित्र के साथ साथ 1882, 1900 तथा 1906 अलग-अलग सन् अंकित हैं।
निकाले गए सिक्के
उमरेश्वर महादेव मंदिर के पास बीते करीब एक माह से निकल रहे दफीने को आसपास के लोग लगातार खोद-खोदकर ले जा रहे थे। यहां एक दर्जन से ज्यादा लोग सिक्के खोदकर ले गए। दफीना होने की सूचना जाहिर होने के उपरांत भी प्रशासन ने इस पर रोक लगाने की कार्रवाई नहीं कर पाई है। बताया जा रहा है कि कुछ माह पूर्व अटेर क्षेत्र के ग्राम प्रतापपुरा में भी इसी प्रकार का दफीना एक खेत से निकलना शुरू हुआ था। जहां लगातार पांच दिनों तक ग्रामीणों ने खेत खोदकर बड़ी संख्या में प्राचीन सिक्के निकाले थे। बाद में प्रशासन ने वहां पहरा लगा दिया गया था।
बड़े इलाके में चलेगी खोजबीन
कंपनी ने वन विभाग को जो पत्र दिया गया है, उसके मुताबिक यह खोजबीन एक बड़े इलाके में हो रही है। बमोरी तो इसका महज छोटा सा हिस्सा है। कुल 1340 किमी लंबी और 11 किमी चौड़ी पट्टी में यह सर्वे हो रहा है। 11 वन मंडलों में कुल 14 हजार 740 वर्ग किमी का वन क्षेत्र इस खोज के दायरे में आ रहा है।
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कंपनी से खोजे जाएंगे तेल-गैस
कंपनी द्वारा बोरिंग करने वाली मशीन से 30 मीटर गहरे गड्ढे किए जा रहे हैं। फिर इसमें डायनामाइट डालकर विस्फोट किया जाता है। जानकारों के मुताबिक इन धमाकों से उठने वाली तरंगों के अध्ययन से पता चलेगा कि वे तत्व मौजूद हैं या नहीं, जिनकी खोज की जा रही है। हर 10 वर्ग किमी में ऐसे 16 बोरिंग की जा रही हैं। खोज के लिए तय की गई पूरी पट्टी पर ऐसे 21 हजार 440 बोर किए जाएंगे।
सैंपल लेकर गई टीम
श्योपुर से सटे बड़ौदा में भी सोने की खदान मिलने के संकेत बीते माह मिले थे इसके बाद यहां पर लोगों की काफी संख्या में भीड़ जुटना शुरू हो गया था। इसके बाद जैसे यह जानकारी पुलिस को मिली। उसके बाद यहां पर खुदाई करने के लिए टीम आई और यहां से सैंपल लेकर चली गई है।

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