राजा बाबू ने बताया कि गांधीजी कहते थे कि हर बुरे व्यक्ति में भी अच्छाई छिपी होती है। हमें उसकी अच्छाई को बाहर लाने की कोशिश करना चाहिए, उसे सताने की नहीं। उनका ध्येय वाक्य था सबका साथ सबका विकास। आज अगर इस ध्येय को हम भी मान लेते हैं, तो विकास के दौर में कोई पीछे नहीं रहेगा। इसके अलावा अहिंसा और वैचारिक रास्तों से हमें समस्याओं के हल खोजने चाहिए। जो पैसे स्वास्थ्य, शिक्षा में लगने चाहिए वह बड़ी संख्या में सुरक्षा के लिए खर्च किए जा रहे हैं।
स्टूडेंट्स की क्वेरीज का मिला जवाब गीता में लिखा अनंत ज्ञान आपके कई आंतरिक और बाह्य समस्याओं का समाधान देता है। इस ज्ञान से आप अपने आंतरिक शुद्धता के साथ स्वयं और समाज का भी विकास कर सकते हैं। कार्यक्रम के दौरान इंटरेक्शन सेशन भी हुआ, जिसमें एडीजी ने सभी की जिज्ञासाओं का समाधान किया। इस मौके पर यूनिवर्सिटी के प्रो चांसलर दौलत सिंह चौहान, वाइस चांसलर डॉ केके द्विवेदी, विभिन्न डिपार्टमेंट्स के डीन, एचओडी, फैकल्टीज व स्टूडेंट्स उपस्थित रहे।