जानकारी के मुताबिक कन्या छात्रावास नेशनल हाइवे झांसी-कोटा के पास स्थित है। यहां रहने वाली एक सैकड़ा छात्राएं भारी बस्ता टांग कर रोज पुराने करैरा में मौजूद कन्या विद्यालय आती-जाती है। हालात यह है कि छात्राए आने-जाने में ही इतना परेशान हो जाती है कि इससे उनकी पढ़ाई तक प्रभावित होती है। छात्रााओं का रोज स्कूल आना-जाना नगर के कई समाजसेवी से लेकर अधिकारी देखते हैं और सभी को यह समस्या पता है लेकिन किसी ने भी इन छात्राओं के लिए एक वाहन की सुविधा उपलब्ध कराने की नहीं सोची। ऐसे में बेटी पढ़ाओ व बेटी बढाओं जैसे नारे सिर्फ नारे ही समझ आते है। यहां बता दें कि दो साल पूर्व एक छात्रा हाइवे पार करते समय एक वाहन की चपेट में आ गई थी और घटना में उसका पैर फ्रैक्चर भी हो गया था। इसके बाद भी जिम्मेदारों ने इस मामले में कोई ध्यान नहीं दिया।
हाईवे पर करने में बना रहता है खतरा
चूंकि छात्रावास हाइवेे की दूसरी तरफ है, इसलिए जब छात्राएं सुबह-शाम स्कूल आती-जाती हैं तो उनको हाइवे पार करना पड़ता है। ऐसे में यह हाइवे हमेशा छात्राओं के लिए खतरा बना रहता है। इसके बाद छात्राएं शिवपुरी-झांसी पुराना मार्ग, पुलिस सहायता केन्द्र, फूटा तालाब, चांद दरवाजा होते हुए विद्यालय पहुंचती है। इतनी दूरी आने-जाने में ही छात्राओं का एक से लेकर दो घंटे का समय खराब हो जाता है।
छात्राओं की समस्या पर जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान
नगर के एक भी जनप्रतिनिधि, अधिकारी व समाजसेवी छात्रावास में पढऩे बाली छात्राओं के प्रति बिल्कुल गम्भीर दिखाई नहीं दे रहे है। प्रतिदिन छात्राएं परेशान होती हैं। प्रशासन इन छात्राओं को आने-जाने के लिए एक वाहन की व्यवस्था तक नहीं कर पा रहा है।
अश्वनी शर्मा एडवोकेट
इस संबंध में कई बार शिक्षा विभाग के अधिकारियों को लिखित रूप में शिकायत कर चुके हैं। कोई सुनवाई नहीं हुई। स्थिति सालों से इसी तरह से बनी हुई हैं।
ममता यादव, अधीक्षक छात्रावास
जिला स्तर पर वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करा चुके हंै।यह कोई नया मामला नहीं है, कई सालों से यह समस्या है।कोई जनप्रतिनिधि सहयोग करें तो हल निकल सकता है।
आफाक हुसैन, बीआरसीसी, करैरा