उन्हें 10 रू कीमत पर राखी बेची जाएगी। जेल अधिकारी कहते हैं, जेल गेट पर राखी ट्रायल के लिए बेची जा रही है। अगर जेल का ब्रांड चल गया तो सलाखों में दूसरी खेप दोगुनी से ज्यादा तादात में तैयार की जाएंगी। उन्हें बाजार में उतारा जाएगा। इसके लिए 70 महिलाओं की टीम तैयार की गई है।
जेल में बंदियों को इस बार भी उनकी बहने राखी नहीं बांधेंगी, क्योंकि जेल मुख्यालय ने खुली मुलाकात की इजाजत नहीं दी है। लेकिन सलाखों के अंदर सजा काट रही महिलाओं के हाथ से बनी रखी जरूर कलाईयों पर सजेगी। इसका इंतजाम हो चुका है। राखियों की पहली खेप बनकर तैयार है। अब उसे बेचने की तैयारी है।
मुलाकात के शुरू होने से बंद होने तक बिकेगी राखी
मुलाकात के शुरू होने से बंद होने तक बिकेगी राखी
जेल अधिकारी कहते हैं, जेल में बनी राखी को बाजार में उतारने की प्लानिंग है। लेकिन सीधे खरीदार तलाशना मुश्किल है। इसलिए जेल गेट से राखी को बेचने का इंतजाम किया गया है। इसलिए जेल में मुलाकात का समय शुरू होने पर काउंटर लगाकर सलाखों में बनी रखी को उस पर डिस्प्ले किया जाएगा। काउंटर मुलाकात का वक्त खत्म होने तक खुलेगा। बंदियों से मुलाकात करने आने वालों को बताया जाएगा, कि वह चाहें तो राखी खरीद सकते हैं। अगर मुलाकातियों को राखी पंसद आई और राखी की डिमांड बढ़ी तो दूसरी खेप में ज्यादा राखी बनवाई जाएंगी।
इनका कहना है
इनका कहना है
जेल के अंदर 70 महिला बंदियों ने राखी तैयार की हैं। उन्हें बेचा जाएगा। शुरूआत जेल में मुलाकात के लिए आने वालों से होगी। राखी खरीदारों को पंसद आती है तो ज्यादा तादात में राखियां तैयार की जाएंगी और उन्हें बाजार में बिकने के लिए सप्लाई किया जाएगा।
विदित सिरवैया जेल अधीक्षक ग्वालियर
विदित सिरवैया जेल अधीक्षक ग्वालियर