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सरकारी क्वॉर्टर बनाए कमाई का जरिया, किराए पर उठाकर सालों से कमा रहे माल

locationग्वालियरPublished: Jul 17, 2021 05:57:23 pm

थाटीपुर पुनर्घनत्वीकरण योजना के तहत थाटीपुर के सरकारी आवासों का टूटना तो तय है, लेकिन सालों से इन आवासों का दुरुपयोग हो रहा है। जरूरतमंद कर्मचारी तो लाइन…

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सरकारी क्वॉर्टर बनाए कमाई का जरिया, किराए पर उठाकर सालों से कमा रहे माल

ग्वालियर. थाटीपुर पुनर्घनत्वीकरण योजना के तहत थाटीपुर के सरकारी आवासों का टूटना तो तय है, लेकिन सालों से इन आवासों का दुरुपयोग हो रहा है। जरूरतमंद कर्मचारी तो लाइन में लगे रहे, लेकिन पहुंच वाले कर्मचारियों ने न सिर्फ सरकारी क्वॉर्टर पा लिया बल्कि वे इनसे कमाई भी कर रहे हैं। कुछ कर्मचारी ऐसे हैं, जिन्होंने क्वॉर्टर तो अपने नाम करा लिया, लेकिन वे उनमें रहते नहीं हैं। उन आवासों को किराए पर उठाए हुए हैं। ऐसे भी कर्मचारी हैं, जो सरकारी क्वॉर्टर में रह रहे हैं और खुद के मकान ऊंचे किराए पर दिए हुए हैं।
नियमानुसार सरकारी क्वॉर्टर ऐसे कर्मचारियों को मुहैया कराने की व्यवस्था है, जिनके पास स्वयं का कोई मकान नहीं है और जो दूसरी जगह से स्थानंातरित होकर आए हैं। ऐसे जरूरतमंद कर्मचारी सालों से क्वॉर्टर की कतार में लगे-लगे सेवानिवृत हो गए, लेकिन उन्हें सरकारी आवास नसीब नहीं हो पाया दूसरी तरह ऐसे भी कर्मचारी हैं, जो सालों से सरकारी क्वॉर्टर पर कब्जा जमाए हुए है। इनके स्वयं के फ्लैट व मकान शहर में कहीं न कहीं मौजूद है फिर भी कमाई के लिए सरकारी क्वॉर्टर आवंटित कराए हुए हैं। थाटीपुर कॉलोनी में कई कर्मचारी ऐसे हैं, जो रह तो स्वयं के मकान में रहे हैं और सरकारी क्वॉर्टर को किराए पर उठाए हुए हैं क्योंकि सरकारी क्वॉर्टर का इनका जितना रेंट कटता है उससे कई गुना ज्यादा किराया ये वसूल रहे हैं। इसी तरह कुछ कर्मचारी सरकारी आवास में रह रहे हैं और खुद के मकान किराए पर उठाए हुए हैं।
नेमप्लेट लगा रखी है ताकि शक न हो
जिन कर्मचारियों ने अपने क्वॉर्टर किराए पर उठा रखे हैं वे किसी को शक न हो इसलिए अपनी स्वयं की नेमप्लेट लगाए हुए हैं। यहां तक कि किराएदार को भी पट्टी पढ़ा दी जाती है कि अगर कोई जांच या पूछताछ करने आए तो उसे बता दें कि अमुक व्यक्तिका क्वॉर्टर है वे यहां रहते हैं हम रिश्तेदार हैं वे बाहर गए हैं।
लोक निर्माण विभाग के कर्मचारियों के ज्यादा क्वॉर्टर
सरकारी आवास का आवंटन भले ही कमिश्नरी में आवास आवंटन समिति करती हो पर अनुशंसा लोक निर्माण विभाग द्वारा की जाती है, जिसके चलते लोक निर्माण के कर्मचारियों को तुरंत क्वॉर्टर आवंटन हो जाता है, जबकि दूसरे विभाग के कर्मचारी सालों तक चक्कर लगाते रहते हैं। इसीलिए ज्यादातर क्वॉर्टर लोक निर्माण विभाग के कर्मचारियों के पास हैं।
मुनाफे का गणित
अगर सरकारी क्वॉर्टर से मुनाफे की बात करें तो तृतीय श्रेणी कर्मचारी के वेतन से सरकारी आवास का किराया 1500 से 2000 रुपए तक कटता है, जबकि उसे चार कमरे, किचन, लेथ बाथ समेत बरामदा रहने को मिलता है। अगर इतने ही स्पेश का मकान निजी तौर पर तलाशे तो उसका किराया कम से कम 7 से 8 हजार रुपए का पड़ेगा। 1500 रुपए अपने वेतन से कटवाकर कुछ कर्मचारी सरकारी आवास को 4 से 5 हजार रुपए किराए पर उठाए हुए हैं। इसी तरह कुछ कर्मचारी कम किराए पर सरकारी आवास में रहकर स्वयं के मकान को 8 से 10 हजार रुपए तक किराए पर उठाए हुए हैं।
जांच के बाद कार्रवाई करेंगे
आपके द्वारा यह मामला मेरे संज्ञान में लाया गया है। यदि कोई शिकायत करता है तो संबंधित की जांच करवाई जाएगी। जांच सही पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
आरके गुप्ता कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग
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