शासकीय उत्कृष्ट हायर सेकंडरी स्कूल मुरार में रविवार को प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी ममता चतुर्वेदी, एडीपीसी अशोक दीक्षित सहित अन्य अधिकारियों ने नौवीं और दसवीं कक्षा में पढऩे वाले करीब 8 हजार डी और ई ग्रेड (कमजोर ओर बेहद कमजोर) छात्र-छात्राओं को सरल तरीके से पढ़ाए जाने पर बातचीत की। पिछले छह महीने से इन छात्रों के लिए स्कूलों में रिमेडयल (सुधारात्मक) क्लासें लगाए जाने का दबाव किया गया। सितंबर महीने में आयोजित होने वाली तिमासिक परीक्षा के बाद छात्रों में कोई खासा सुधार देखने को नही मिला। ये रिपोर्ट वरिष्ठ अफसरों को भेजे जाने के बाद पिछले तीन महीने में तीन बार शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया। अब शिक्षा विभाग ऐसे छात्रों को पास कराने को लेकर चिंतित हो उठा है।
मॉड्यूल के आधार पर डी और ई ग्रेड के छात्रों को पढाएंगे शिक्षक
शिक्षकों की क्लास लेते हुए उन्हें आरएमएसए के द्वारा तैयार किया गया मॉड्यूल के आधार पर पढ़ाए जाने की सीख दी है। इस बार शिक्षकों से कहा गया है कि प्रोजेक्ट के अंकों पर विशेष फोकस रखें जिससे छात्रों का रिजल्ट सुधरेगा। इसके अलवा छात्रों को बार-बार लिखकर अभ्यास कराएं। प्रश्रोत्तर को साधारण भाषा में लिखकर याद करने की समझाइश दें। वहीं अग्रेजी के विषयों के छात्रों को ग्रामर का सरलीकरण सिखाएं। पिछले सालों में आने वाले प्रश्नोत्तर को याद करने की बात कहें। गणित में फार्मूला के आधार पर सवाल हल करने की समझाइश दें। ये प्रशिक्षण अब तक अक्टूबर, नवंबर औ दिसंबर में आयोजित किया गया है। अगला प्रशिक्षण जनवरी में होगा। इसके बाद शिक्षकों द्वारा छात्रों का स्तर सुधार की रिपोर्ट भी तैयार होगी।
शिक्षकों को प्रशिक्षित किया
नौवीं और दसवीं में पढऩे वाले डी और ई ग्रेड के छात्रों में सुधार को लेकर प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसे छात्रों को मॉड्यूल के आधार पर पढ़ाए जाने को लेकर शिक्षकों को रविवार को प्रशिक्षित किया गया है।
ममता चतुर्वेदी, प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी