शहर में गाजियाबाद, आगरा, दिल्ली, अहमदाबाद, भोपाल, कानपुर से गुटखा वाहनों के जरिए परिवहन किया जाता है। जानकारी के मुताबिक यहां हर रोज करीब एक हजार गुटखे की बोरियां आ रही हैं। एक बोरी की कीमत करीब 20 हजार रुपए होती है। गुटखे पर 28 फीसदी जीएसटी व 60 फीसदी सेस और तंबाकू पर 28 फीसदी जीएसटी के साथ 160 फीसदी सेस लगने के कारण ही इन दोनों पर सबसे अधिक कर अपवंचन किया जाता है।
जीएसटी के प्रावधानों के अनुसार अगर आपको माल 100 किलोमीटर के दायरे के अंदर पहुंचाना है तो इ-वे बिल जनरेट करने के 24 घंटे तक बिल की वैधता रहती है। दूरी बढऩे के बाद समय- में वृद्धि की जाती है। 100 से 200 किमी दूरी के लिए 48 घंटे तक बिल को वैध रहता है। इसी नियम का कारोबारी फायदा उठा रहे हैं।
नियमों का दुरुपयोग इस तरह की दूसरी चीजों में भी किया जा रहा है, टीम एक स्पॉट पर पूरे समय कैसे खड़े रह सकती है। ऐसा काम करने वाले लोग हमारी जासूसी करते हैं।
यूएस बैस, ज्वाइंट कमिश्नर, राज्य कर जीएसटी विभाग