फरियादी पूरनमल अग्रवाल ने पडाव थाने में शिकायत करते हुए कहा कि आरोपी पप्पूलाल मीणा के पूर्वज पूर्व में सिरोंज के निवासी नहीं रहे हैं। वर्ष १९८४ में दायरा पंजी में २५. जून ८४ को जारी प्रमाणपत्र आरोपी का दर्ज होना नहीं पाया गया। कलेक्टर विदिशा द्वारा भी अनुविभागीय अधिकारी, सिरोंज एवं तहसीलदार सिरोंज से उक्त प्रमाणपत्र की जांच कराये जाने पर प्रमाणपत्र को पूर्णत: फर्जी एवं बनावटी पाया गया है। आरोपी की प्रारंभिक शिक्षा भी सिरोंज में नहीं हुई है। उसके माता-पिता का नाम वर्ष १९८४ तक की मतदाता सूची में सिरोंज जिला विदिशा में अंकित नहीं है। आरोपी ने १९९३ में ग्राम सहायक की नौकरी प्राप्त करने के बाद किए गए फर्जीवाड़े को छिपाने के उद्देश्य से १४ अक्टूबर ९७ को वार्ड क्रमांक १० रैदास पथ सिरोंज में खलील अहमद से ७५० वर्गफुटका प्लॉट खरीदा तथा वर्ष २००० मंे उस पर मकान बनवाया। आरोपी ने वर्ष १९९९ में सिरोंज में निवास न करते हुए भी फर्जी तरीके से अपनी पत्नी सहित स्वयं का मतदाता सूची में नाम दर्ज कराया। उसने राशन कार्ड भी बनवाया उक्त फर्जी दस्तावेज के आधार पर आरोपी ने शासकीय नौकरी प्राप्त कर धोखाधड़ी की। पूरनमल अग्रवाल की शिकायत पर थाना पडाव में आरोपी पप्पूलाल मीणा के खिलाफ धारा ४२०, ४६६, ४६८, ४७१ के अपराध में मामला दर्ज किया गया।