टॉस्क कठिन था, लेकिन नामुमकिन नहीं
अंश ने बताया कि लगभग 30 दिन पहले ही मैंने पियानो बजाने की प्रैक्टिस शुरू कर दी थी। जब मैं 12 से 14 घंटे तक बजा पाया, तो उंगलियों मे सूजन आ गई। तब मुझे कपिल साहनी सर ने मोटिवेट किया और मैं थोड़ा रुककर 18 घंटे तक पहुंच गया। अगला पड़ाव 24 घंटे का बहुत कठिन था, तब थोड़ा सा इन्पॉसिबल लगा, लेकिन मेरे मामा वरुण सक्सेना और नितिन सक्सेना ने हिम्मत बढ़ाई और मैंने 24 घंटे पियानो बजाने का निर्णय ले ही लिया।
पूरी रात संग रहे पापा-मम्मी
मैंने 2 मार्च की शाम 7 बजे मैंने पियानो बजाने की शुरुआत की थी, रात के तीन बजते ही बहुत तेज नींद आने लगी, लेकिन जब भी आलस आता, मैं खुद से किया चैलेंज याद करता और फिर उसी एनर्जी के साथ पियानो बजाने जुट जाता। पूरे दिन और रात जागकर मां अंजली और पिता भगत सिंह साथ रहकर उत्साहवर्धन करते रहे।
टीम ने ऑनलाइन किया ऑब्जर्व
अब अगला टारगेट मेरा खुद का बनाया रिकॉर्ड को ब्रेक करना है। इसके लिए मैं अभी से तैयारी करूंगा। उल्लेखनीय है कि अंश ने लॉकडाउन पीरियड को सदुपयोग किया। उन्होंने 24 घंटे पियानो बजाया। इसे वल्र्ड रिकॉर्ड की टीम ऑनलाइन मीडियम से ऑब्जर्व करती रही।