फंसी हुई है व्यापारियों की पूंजी
जीएसटी आने के बाद पेट्रोल-डीजल को छोडक़र सभी वस्तुओं पर वैट कर समाप्त किया जा चुका है। ऐसे में वैट एक्ट के तहत जीएसटी रजिस्ट्रेशन के समय प्रतिभूति के रूप में ली गई एफडीआर व्यापारियों को वापस की जानी चाहिए थी, परंतु इसके लिए शासन या विभाग की ओर से अभी तक कोई प्रक्रिया प्रारंभ नहीं की गई है, जिसके चलते व्यापारियों की पूंजी का एक भाग बिना किसी कारण के विभाग के पास फंसा हुआ है, जिन व्यापारियों द्वारा एफडीआर वापसी के लिए आवेदन किया जा रहा है, उन्हें भी विभाग द्वारा अनावश्यक परेशान किया जा रहा है। कहीं उनसे नोड्यूज कराने के लिए कहा जा रहा है, तो कहीं किसी और कारण से मना किया जा रहा है।
वैट टैक्स के समय व्यापारियों की दो से 25 हजार रुपए तक की एफडीआर जमा हैं, जीएसटी लागू होने के बाद भी उन्हें अभी तक वापस नहीं किया गया है, जब वैट टैक्स अब लागू ही नहीं है तो फिर प्रतिभूति राशि वापस की जानी चाहिए।
अनिल अग्रवाल, उपाध्यक्ष, एमपी टैक्स लॉ बार एसोसिएशन