इससे इतर बाहर के स्टूडेंट्स को शहर के हेरिटेज, महिला सुरक्षा व कॅरियर के बारे में बताया जाएगा। इसकी प्लानिंग के लिए कॉलेजेस ने अपने लेवल पर टीम बनाई है, जो प्लान तैयार कर चुकी है। इनमें जीवाजी यूनिवर्सिटी, केआरजी, साइंस कॉलेज, एसएलपी कॉलेज, वीआरजी कॉलेज, भगवत सहाय कॉलेज आदि शामिल हैं। जीवाजी यूनिवर्सिटी के पीआरओ शांति देव सिसोदिया ने बताया कि कॉलेजों में न्यू सेशन पर जीरो क्लास लगती हैं, लेकिन यूनिवर्सिटी में इसे इंडक्शन क्लास बोलते हैं। इसमें अब स्टूडेंट्स-टीचर इंटरेक्शन के साथ अन्य सब्जेक्ट को भी शामिल किया गया है।
क्या है जीरो क्लास
जीरो क्लास स्टूडेंट्स के कॉलेज में प्रवेश लेते ही लगाई जाती है। 7 से 10 की क्लास में पढ़ाई पर न के बराबर होती है। इस दौरान स्टूडेंट्स एक दूसरे से इंटरेक्ट होते हैं। फैकल्टी द्वारा उन्हें संस्थान के बारे में बाताया जाता है, लेकिन इस बार से संस्थानों ने कई चीजें एड की हैं।
उधर थर्ड काउंसलिंग, इधर लगेंगी क्लास
इन दिनों कॉलेज में एडमिशन प्रक्रिया चल रही है। वहीं फस्र्ट काउंसलिंग में सिलेक्ट होने वाले स्टूडेंट्स के लिए क्लासेज भी शुरू होने वाली हैं। सेकंड काउंसलिंग की लिस्ट आते ही संस्थान में जीरो क्लास शुरू हो जाएंगी। उच्च शिक्षा विभाग की गाइडलाइन के अनुसार हर संस्थान में जीरो क्लास लगना तय है, जिसमें विषय संस्थानों ने अपने हिसाब से तय किए हैं।
एक क्लास में एंट्री
फस्र्ट और सेकंड काउंसलिंग से ग्रेजुएशन करने आए स्टूडेंट्स को एक साथ हॉल में बैठाला जाएगा। क्योंकि इस दौरान स्टूडेंट्स की संख्या कम होगी। साथ ही वह एक-दूसरे से इंटरेक्ट भी हो सकेंगे। हॉल में बीए, बीकॉम, बीएससी के स्टूडेंट्स शामिल होंगे। इसके अलावा रजिस्ट्रेशन करा चुके इच्छुक स्टूडेंट्स भी भाग ले सकेंगे।
पर्सनालिटीइन पर रहेगा फोकस
स्टूडेंट्स में नॉलेज के साथ कॉन्फीडेंस होना भी जरूरी है। इसके लिए अलग-अलग एक्सपर्ट द्वारा इंग्लिश, कम्युनिकेशन स्किल, स्किल डवलपमेंट आदि की क्लास दी जाएगी।
सिक्योरिटी
जीरो क्लास में गल्र्स सिक्योरिटी के बारे में बताया जाएगा। गल्र्स को जानकारी दी जाएगी कि वह किस तरह से एलर्ट रहें व अपनी सुरक्षा के लिए मोबाइल टेक्नोलॉजी का यूज करें।
कॅरियर
हर एक स्टूडेंट पढ़कर कॅरियर अपॉच्र्युनिटीज चाहता है। उन्हें बताया जाएगा कि वह यूजी के बाद क्या कर सकते हैं। कहां-कहां उनके लिए रास्ते खुले हैं, जिससे उनका फ्यूचर ब्राइट हो सके।
सिटी हेरिटेज
संस्थान में बहुत से स्टूडेंट्स शहर के बाहर के भी होंगे। उन्हें सिटी हेरिटेज के बारे में बताया जाएगा। साथ ही उसकी हिस्ट्री से भी परिचित कराया जाएगा। जिससे वह शहर की ब्रांडिंग कर सकें।
डवलपमेंट
स्टूडेंट्स को ओवरऑल डवलपमेंट के लिए अन्य एक्टिविटी में पार्टिसिपेंट्स करना भी जरूरी है। इसके लिए उन्हें एनसीसी, एनएसएस एंव स्पोट्र्स एक्टिविटी की जानकारी दी जाएगी।