रात में सडक़ से निकल जाती है पुलिस, गली में कहां आएगी
वीरपुर बांध की बस्ती में अफसर खां और उनका परिवार सात दिन बाद भी सहमा हुआ है। दरवाजे पर मामूली आहट से परिवार के सभी सदस्य इक_ा हो रहे हैं। मंजू खां ने बताया कि बेटा बहू इस घटना से डरे हुए हैं। वारदात के बाद भी मोहल्ले की सुरक्षा का इंतजाम नहीं है। दिन में छोड़ो रात में भी पुलिस सडक़ पर हूटर बजाकर निकल जाती है। गली में नहीं आती। डकैती केस में जरूर पुलिस अधिकारी जानकारी जुटाने आए थे, लेकिन रोजमर्रा की सुरक्षा के लिए कोई इंतजाम नहीं हैं।
केस -1
26 जून- सिहौली, महाराजपुरा में किसान सलीम खां और उसके ताऊ अली खां के घर में रात करीब एक बजे छह-सात बदमाशों ने डकैती डाली। दोनों परिवार को बंधक बनाकर जेवर, नकदी लूटा। बदमाशों ने विरोध करने पर अली खां और उनकी पत्नी शोभा को लाठियों से पीटा। लूटपाट के बाद धमकी दे गए कि पुलिस के पास मत जाना वरना मार देंगे।
केस-2
7 जुलाई- गोलपाड़ा, उपनगर ग्वालियर की घनी बस्ती की सकरी गलियों में दोपहर के वक्त जब सन्नाटा परसा हुआ था तब तीन बदमाशों ने यहां बुजुर्ग पुष्पा शर्मा (75) के घर में कूदकर उन्हें बंधक बनाया। पुष्पा मदद के नहीं चिल्ला सकें। उनके मुंह में कपड़ा ठूंसा, हाथ पैर बांधे, आंखों पर कपड़ा लपेट कर अलमारी और बक्सों को खोलकर 29 हजार रुपए लूटे।
केस-3
9 जुलाई- दो दिन बाद वीरपुर बांध पर लुटेरे मैकेनिक अफसर खां के घर में घुसे। अफसर, उनकी पत्नी शबाना सहित दोनों मासूम बच्चों को गनप्वॉइंट पर बंधक बनाया। उन्हें गोली मारने की धमकी देकर 15 हजार रुपए, जेवर और तीन मोबाइल लूटे। यहां भी लुटेरे करीब आधे घंटे तक घर में रहे फिर परिवार को धमका कर चले गए कि चुपचाप बैठे रहना वरना मार देंगे।
केस -4
13 जुलाई – कृष्णानगर पहाड़ी पर किराना कारोबारी योगेन्द्र नाथ शुक्ला के घर में रात दो बजे चार लुटेरे घुसे। शुक्ला उनकी पत्नी मनीषी और नाती रानू को बंधक बनाया। योगेन्द्र और रानू को डंडों से पीटा। घर से 50 हजार रुपए, चार तोला सोना और दो एलसीडी ले गए। लुटेरों ने योगेन्द्र से कहा कि मुखबिर ने बताया था कि तुम्हारे घर में करीब 3 लाख रुपया रखा है।
लोग बोले- हम खुद करते हैं सुरक्षा, पुलिस यहां क्यों आएगी, सुरक्षा शून्य है
कृष्णानगर बस्ती पुरानी छावनी थाने की हद में आती है। तीन साल पहले घर में रात को बदमाश घुसा था। हमने उसे दबोच कर पुलिस के हवाले किया था तब पुलिस से कहा था कि बस्ती में अवैध धंधे होते हैं। यहां रात को गश्त होना चाहिए, लेकिन किसी ने नहीं सुनी।
राजेन्द्र बस्ती निवासी
कृष्णानगर बस्ती बस्ती में किराना कारोबारी योगेन्द्र के घर डकैती के बाद सब चाहते हैं कि दिन में नहीं तो रात में तो पुलिस यहां गश्त करे, लेकिन पुलिस मेनरोड से ही निकल जाती है। पहाड़ी के ऊपर डॉयल 100 का प्वॉइंट बन जाए तो उससे ही सुरक्षा होगी।
मनीषा बस्ती निवासी
कृष्णानगर बस्ती की आबादी डेढ़ हजार से ज्यादा है, ज्यादातर लोग रोज कमाने खाने वाले हैं। सुरक्षा की जरूरत तो सभी को है, लेकिन किससे कहें। पुलिस का एक राउंड ही लगना शुरू हो जाए तो बस्ती का माहौल सुधर जाएगा। जिससे लोगों लगेगा कि वह सुरक्षित हैं।
सिरमती बस्ती निवासी
शुरू की जाएगी गश्त
जिन बस्तियों में घटनाएं हुई हैं उनमें अगर गश्त नहीं हो रही है तो वहां पर पैदल गश्त शुरू की जाएगी सुरक्षा के मामले में कोताही नहीं बरती जाएगी।
नवनीत भसीन एसपी ग्वालियर