अमृत में चल रहे कार्यों के कारण सडक़ों को जगह-जगह खोद दिया गया है। रेस्टोरेशन के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है, जबकि सडक़ों का रेस्टोरेशन करना ठेकेदार की जिम्मेदारी है और इसका गारंटी पीरियड भी 3 साल है, इसके बावजूद रेस्टोरेशन नहीं किया गया है। अभी भी कई जगह सडक़ें खुदी पड़ी हैं। मंत्री और विधायक इनके रेस्टोरेशन के निर्देश कई बार दे चुके हैं, इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई।
परिषद में भी उठा रेस्टोरेशन का मुद्दा
शहर की सडक़ों का मुद्दा परिषद की बैठक में भी उठ चुका है। पार्षदों ने आरोप लगाया कि ठेकेदार द्वारा रेस्टोरेशन नहीं किया जा रहा है, जिससे लोगों को परेशानी हो रही है। कई जगह ऐसी हैं जहां बच्चे स्कूल तक नहीं जा पा रहे हैं। बारिश के समय यह सडक़ें दलदल में तब्दील हो जाती हैं। इसके बावजूद निगम अधिकारियों पर कोई असर नहीं हुआ। परिषद में इस पर काफी हंगामा भी हुआ था। सभापति ने भी अधिकारियों को सडक़ों की दशा सुधारने के निर्देश दिए थे, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ।
सडक़ों की मरम्मत का कार्य बारिश के बाद किया जाएगा। सितंबर में इसकी शुरुआत कर देंगे, जहां तक रेस्टोरेशन की बात है, ऐसी व्यवस्था कर रहे हैं कि बारिश में लोगों को परेशानी न हो।
संदीप माकिन, निगमायुक्त