कलेक्टर अनुराग चौधरी और एडीएम संदीप केरकेट्टा ने मंगलवार शाम शहर के सभी मैरिज गार्डन और डीजे संचालकों की बैठक ली। कलेक्टर ने सख्त निर्देश दिए कि नियमों के अनुसार ही मैरिज गार्डन का संचालन होना चाहिए। जहां भी नियमों की अनदेखी होगी, वहां कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक गार्डन पर नियम पालन का आदेश चस्पा किया जाए। सभी एसडीएम भी गार्डन चिन्हित कर धारा-144 के नोटिस जारी कर समय सीमा में संचालकों से जवाब मांगे। जो जवाब न दे उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाए।
हकीकत ये है कि शहर में हर कोने, मोहल्ले, गली, मेन रोड पर मौजूद 192 मैरिज गार्डन और इनमें 150 डेसिबल से ज्यादा आवाज में डीजे बेरोकटोक बजते हैं। लगभग 70 हजार वाहनों में 120 से 140 डेसिबल की क्षमता वाले वाले एयर प्रेशर हॉर्न लगे हैं। डीजे का शोर और प्रेशर हॉर्न 14 लाख की आबादी वाले शहर के डेढ़ लाख बच्चों, लगभग 2 लाख युवाओं, 10 लाख महिला-पुरुषों की सुनने की क्षमता को लगातार कम कर रहे हैं।
पुलिस
सर्वोच्च न्यायालय का महत्वपूर्ण आदेश
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 18 जुलाई 2005 को ध्वनि प्रदूषण को लेकर दिए गए महत्वपूर्ण आदेश में सार्वजनिक स्थानों पर रात 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकरों के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाया है। सार्वजनिक स्थल में वे स्थल शामिल है जिसका उपयोग जनता करती है। इसके बाद उच्च न्यायालयों ने भी विभिन्न याचिकाओं पर ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए समय-समय पर दिशा निर्देश जारी किए हैं। डीजे पर सालभर में एक दर्जन कार्रवाई भी नहीं हुई।