बंगाल के एनआरएस मेडिकल कॉलेज में 11 जून को जूनियर डॉक्टरों के साथ मारपीट किए जाने के बाद देशभर में डॉक्टरों द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा इस हड़ताल को भाजपा व माकपा की साजिश बताते हुए डॉक्टरों को धमकी देने के बाद यह आंदोलन और फैल गया है। पश्चिम बंगाल तथा दिल्ली में डॉक्टर इसके विरोध में इस्तीफे दे रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि उनकी सुरक्षा के लिए डॉक्टर प्रोटेक्शन एक्ट शीघ्र लागू किया जाना चाहिए।
ओपीडी में प्रभावित रहीं सेवाएं
हड़ताल पर जाने से पहले मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों ने जेएएच अधीक्षक डॉ.अशोक मिश्रा को इसकी सूचना दी कि वे पश्चिम बंगाल में हुई घटना के विरोध में काम बंद कर रहे हैं। डॉक्टरों ने कहा कि इस दौरान इमरजेंसी एवं आईसीयू की सेवाएं बाधित नहीं होने दी जाएंगी। डॉक्टरों के दो घंटे काम नहीं करने से अस्पताल में सेवाएं प्रभावित रहीं। विरोध प्रदर्शन में डॉ.अनिल शर्मा, डॉ प्रियंका बित्थरिया, डॉ.दिव्या राणा, डॉ.जया, डॉ.सोमेश, डॉ.गौरव, डॉ.भानु, डॉ. राणा भदौरिया, डॉ.सैय्यद मोहम्मद, डॉ.विवेक, डॉ.अभिनव शर्मा, डॉ. अनुराधा आदि के साथ तीन सौ से अधिक डॉक्टर शामिल थे।
सामान्य रहीं सेवाएं : सीएमएचओ डॉ.एसके वर्मा ने कहा कि जिला अस्पताल और सिविल डिस्पेंसरियों में डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर विरोध किया, इस कारण चिकित्सा सेवाएं सामान्य रूप से चलती रहीं।
प. बंगाल में डॉक्टरों से मारपीट के विरोध में जेएएच के डॉक्टर।