काउंसलर्स की ले सकते हैं मदद
शिक्षाविद् राजेश्वरी सावंत ने बताया कि इस समय स्टूडेंट्स कुछ भी नया पढऩे से बचें। स्ट्रेस होने पर खुद को मोटिवेट करें। जब भी स्ट्रेस लगे। उस कमरे से हटकर बाहर खुली हवा में आएं। कुछ समय के लिए अपने फेवरेट गेम भी खेलें। यदि आपके कुछ क्वेश्चन हैं, तो अपने टीचर्स एवं सीबीएसई व एमपी बोर्ड की काउंसलिंग लाइन पर बात कर सकते हैं।
पैरेंट्स समझें अपनी जिम्मेदारी
ऐसे समय में पैरेंट्स का रोल बहुत अधिक बढ़ जाता है। उन्हें भी बच्चे के साथ बराबर मेहनत करने की आवश्यकता है। पैरेंट्स बच्चों को जब भी स्ट्रेस में देखें, उनसे बात करें। यदि वे अधिक परेशान दिखें तो उनकी काउंसलिंग कराएं। उनके खाने-पीने से लेकर सोने-जागने तक का ध्यान रखने की जरूरत है। इस समय पैरेंट्स अपनी खुद की अदर एक्टिविटी कम कर बच्चों पर पूरा फोकस करें।