पत्थर शिल्प कला में प्राचीन काल से प्रसिद्ध है ग्वालियर, शिल्प कला को बढ़ावा देगी स्मार्ट सिटी
- क्षेत्रीय आर्ट एंड क्राफ्ट सेंटर में शिल्पी चौपाल में बड़ी संख्या में शामिल हुए शिल्पी

ग्वालियर. शिल्प कला के विकास और शिल्पकारों को प्रोत्साहन देने के लिये ग्वालियर स्मार्ट सिटी हर संभव सहयोग करेगी। यह बात स्मार्ट सिटी सीईओ जयति सिंह ने मंगलवार को मोतीमहल स्थित क्षेत्रीय आर्ट एंड क्राफ्ट सेंटर में हुई शिल्पी चौपाल कार्यक्रम में कही। इस अवसर पर हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास विभाग के सहायक संचालक पुष्पराजन सहित कई वरिष्ठ शिल्पकार और शिल्पी उपस्थित थे।
स्मार्ट सिटी सीईओ जयति सिंह ने बताया कि पत्थर शिल्प की कला में ग्वालियर का नाम प्राचीन काल से प्रसिद्ध है। स्मार्ट सिटी का प्रयास है कि अंचल में शिल्पकला को निरन्तर प्रोत्साहन मिलता रहे और अंचल के शिल्पियों द्वारा रचित शिल्प का बेहतर प्रदर्शन हो। इसके लिये शिल्पकारों को एक स्थान पर सुविधाएं मिले, इसी बात को ध्यान में रखकर क्षेत्रीय आर्ट एंड क्राफ्ट सेंटर तैयार किया गया है। जल्द ही शिल्पकारों की एक समिति बनाई जायेगी जो सेंटर की देखरेख में अपनी कुशल भूमिका निभायेगी। इस सेंटर के विकसित होने से न केवल क्षेत्रीय स्टोन आर्ट व वुडन आर्ट के कलाकारों को नई पहचान मिल सकेगी बल्कि सेंटर पर कलाकार अपनी कला को प्रदर्शित भी कर सकेंगे। शिल्पी चौपाल में उपस्थित शिल्पियों से सुझाव भी मांगे गए।
प्रशिक्षण शिविर में 300 रुपए रोज मिलेगा भत्ता
हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास विभाग के सहायक संचालक पुष्पराजन ने बताया कि क्षेत्रीय आर्ट एंड क्राफ्ट सेंटर में इस माह शिल्पियों के प्रोत्साहन और मार्गदर्शन के लिये दो माह का प्रशिक्षण शिविर लगाया जाएगा। इसमें तीस-तीस शिल्पी भाग लेंगे। इन्हे मास्टर ट्रेनर व उसके दो सहायक प्रशिक्षण देंगे। यह पहला ऐसा प्रशिक्षण शिविर होगा जिसमें शिल्पियों की बायोमेट्रिक पद्धति से रोजाना उपस्थिति दर्ज की जाएगी। प्रत्येक शिल्पी को 300 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से भत्ता भी दिया जाएगा, शिविर की तिथि जल्द घोषित की जाएगी।
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