सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक के माध्यम से रिटायर्ड इंजीनियर विजय कुमार ने बताया कि उनकी दोस्ती डॉ लौरा एल्विस से फेसबुक पर हुई। उसने बताया कि वो इंग्लैंड की एक फार्मा कंपनी में काम करती है। उसकी कंपनी मोटापा कम करने की दवाई बनाती है।इसपर लौरा का कहना था कि मोटापे की दवाई तैयार करने में हर्बल दवाई का प्रयोग किया जाता है।जो कि भारत में मिलता है। उनका एक सप्लायर इंडिया से हर्बल दवाई सप्लाई करता था। लेकिन उसकी डेथ हो जाने के कारण अब ने सप्लायर की तलाश है।डॉ लौरा ने विजय कुमार से कहा कि मोटा पैसा कमाना है तो वह इस कंपनी का सप्लायर बन सकते हैं। उसने आगे कहा कि कंपनी को जो मटेरियल चाहिए वो हैदराबाद में मिलता है। इसके लिए पहले उसका सैंपल भोजना होगा।जिसे कंपनी का कोई सदस्य आकर देखेगा और अगर प्रोडक्ट पसंद आएगा तो उसे कंपनी सप्लायर बना लेगी।
डॉ लौरा की बातों में आकर विजय कुमार ने 8 लाख रूपयों से आठ सैंपल खरीदे। जिन्हें दिल्ली में महिला के बताए आदमी को पास दे दिए गए।इसके बाद महिला के कहने पर 40 और सैंपल विजय कुमार ने खरीद लिए। इसके लिए रिटायर्ड इंजीनियर विजय कुमार शर्मा ने लगभग 50 लाख रूपयों का ट्रांसजेक्शन कर दिया। लेकिन उसके बाद उन्हें कंपनी से कोई ऑर्डर नहीं मिला। इसके बाद उन्हें भनक लगी कि उनके साथ फ्रॉड हो गया है।तो उन्होंने ग्वालियर क्राइम ब्रांच में जाकर शिकायत दर्ज कराई। ग्वालियर क्राइम ब्रांच ने धारा 420 और आईटी एक्ट 66 के तहत एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।