गांधी प्राणी उद्यान के अधिकारी ने बताया कि हर साल की तरह इस वर्ष भी किसी भी हालत में गर्मी के मौसम में चलने वाली लू की चपेट में कोई भी वन्य जीव न आए इसको लेकर सभी कर्मचारियों को अलर्ट किया गया है। चिडिय़ाघर में शेर के लिए दो कूलर,चार चीते और छह बाघों के कैजों में बाहर की ओर के सभी जंगलों में टटिया लगाकर अंदर और बाहर भी कूलर लगाए गए हैं।
समय समय पर सभी वन्य जीवों का चेकअप भी किया जा रहा है ताकि मौसम में बदलाव के साथ ही इन्हें कोई शारीरिक परेशानी न हो। इसके अलावा अन्य वन्य जीवों के लिए भी तरह तरह का इंतजाम किए गए हैं। जिससे किसी भी वन्य जीव को कोई भी परेशानी न आए।
वन्य जीवो के खाने का रखा जा रहा विशेष ध्यान
नगर निगम की ओर से बंदरों के कैजों के बाहर कूलर,पानी के स्प्रिंकलर, चिडिय़ा, मोर,कबूतर,देशी व विदेशी व तोते के पिजरे के बाहर टटिया लगाई गई है। दरियाई घोड़े को दिन में तीन बार भी नहलाया जा रहा है। आस्ट्रेलियाई पक्षी ईमो और हिरनों के लिए भी घास की झोपड़ी बनाई गई है। खाने में भी इन्हें ककड़ी, तरबूत, खरबूज, कदद्ू सहित ठंडी चीजें भी वन्य जीवों को खिलाई जा रही हैं।
नगर निगम की ओर से बंदरों के कैजों के बाहर कूलर,पानी के स्प्रिंकलर, चिडिय़ा, मोर,कबूतर,देशी व विदेशी व तोते के पिजरे के बाहर टटिया लगाई गई है। दरियाई घोड़े को दिन में तीन बार भी नहलाया जा रहा है। आस्ट्रेलियाई पक्षी ईमो और हिरनों के लिए भी घास की झोपड़ी बनाई गई है। खाने में भी इन्हें ककड़ी, तरबूत, खरबूज, कदद्ू सहित ठंडी चीजें भी वन्य जीवों को खिलाई जा रही हैं।
“कोरोना संक्रमण और गर्मी व लू से बचाने के लिए वन जीवों के लिए तरह-तरह के इंतजाम किए गए हैं। वनराज के लिए जहां कूलर लगाया गया है तो अन्य जीवों के लिए ठंडा पानी भी हौद में भरा गया है।”
गौरव परिहार, चिडिय़ाघर अधिकारी
गौरव परिहार, चिडिय़ाघर अधिकारी