बिल्लियों में होता है यह रोग
हेयरबॉल को मेडिकल भाषा में ट्रायकोबेजोआर भी कहते हैं। ज्यादातर ऐसे केसेज साइकोलॉजिकल प्रॉब्लम वाले व्यक्ति में देखने को मिलते हैं। लेकिन इस केस में यह लडक़ी दिमागी तौर पर पूरी तरह से ठीक थी। डॉक्टर के अनुसार ट्रायकोबेजोआर रोग बिल्लियों में पाया जाता है। क्योंकि इस प्रजाति में ख़ुद के बाल को मुंह से साफ करने की आदत होती है, जिससे उनके पेट में बाल जाने से हेयरबॉल बन जाता है। परंतु मनुष्य में यह बहुत कम देखने को मिलता है।
पता नहीं था इतनी बड़ी समस्या बन जाएगी
प्रेम बाथम ने बताया कि मेरी बेटी को तीन साल की उम्र से ही बाल खाने की आदत थी। उसे खूब डांटते लेकिन वह नहीं मानती। छिपकर वह बाल खा ही लेती। लेकिन हमें बिल्कुल भी इल्म नहीं था कि यह आगे चलकर इतनी बड़ी समस्या बन जाएगी।
वर्षा स्वस्थ है
&वर्षा जब मेरे पास आई, तो उसे पेट में असहनीय दर्द था। उसे कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा था। इस पर मैंने जांच कराई। पता चला कि वह ट्रायकोबेजोआर रोग पीडि़त है। इस पर मैंने उनके पैरेंट्स को समझाया और ऑपरेशन कर 500 ग्राम का हेयरबॉल निकाला। अब वर्षा पूरी तरह से स्वस्थ है।
डॉ. अजय उपाध्याय, पीडियाट्रिक सर्जन