ग्वालियर

घुसपैठिए अलमक्की तलाश में हजरत निजामुद्दीन गई पुलिस वापस लौटी, पोस्टर चिपकाने के अलावा आगे नहीं बढ़ा मामला

घुसपैठिया अलमक्की को पकडऩे पड़ाव पुलिस हजरत निजामुद्दीन का चक्कर लगाकर खाली हाथ लौट आई है। दिल्ली तक उसकी दौड़ का मकसद 12 जून को एजी आफिस…

ग्वालियरJun 21, 2018 / 12:52 am

monu sahu

घुसपैठिए अलमक्की तलाश में हजरत निजामुद्दीन गई पुलिस वापस लौटी, पोस्टर चिपकाने के अलावा आगे नहीं बढ़ा मामला

ग्वालियर . घुसपैठिया अलमक्की को पकडऩे पड़ाव पुलिस हजरत निजामुद्दीन का चक्कर लगाकर खाली हाथ लौट आई है। दिल्ली तक उसकी दौड़ का मकसद 12 जून को एजी आफिस के पास स्थित मस्जिद में बाहर से आने वालों का पता लगाना है। 12 जून को इबादतगाह में बाहर से काफी लोग आए थे। अलमक्की भागने से पहले उनके साथ रोजा अफ्तार में शामिल था। आशंका है उनमें से किसी से सांठगांठ कर प्लानिंग से भागा है। पुलिस तमाम कोशिश के बाद पता नहीं कर सकी है उस दिन इबादतगाह में बाहर से कौन आया था। उसे हजरत निजामउद्दीन तक दौडऩा पड़ा क्योंकि वहां स्थित इबादतगाह में देश भर में आने वाली जमातों का रिकॉर्ड रहता है। पुलिस ने वहां मौजूद लोगों से अलमक्की के बारे में पतारसी की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ तो वापस लौटते वक्त वहां आसपास अलमक्की का पोस्टर चस्पा कर आई है।

नहीं दिया जाए लैपटॉप
कोर्ट ने अलमक्की को मुल्क वापस भेजने तक पड़ाव थाने की निगरानी में रखने के आदेश दिए थे। उस दौरान जिला विशेष शाखा ने पड़ाव पुलिस को आगाह किया था उससे बरामद लैपटॉप और मोबाइल फोन वापस जाने पर ही उसे लौटाया जाए लेकिन जिसका पालन नहीं किया गया।

पूरे थाने ने देखा, रोका क्यों नहीं
घुसपैठिए को नमाज अदा कराने ले जाने वाले आरक्षक से भी सवाल जवाब शुरू हो चुके हैं। सूत्रों का कहना है अलमक्की को नमाज के लिए ले जाने वाले आरक्षक विजय शंकर ने पूछताछ में दो टूक जवाब दिया है कि वह कई बार कह चुका था कि वह अकेला उसकी सुरक्षा नहीं कर सकता, मस्जिद से लौटते 10 बज जाते हैं उसके साथ किसी और आरक्षक को भी तैनात किया जाए। लेकिन किसी ने तवज्जो नहीं दी थी। हैडमोहर्रर रामभुवन सिंह ने पूछताछ में कहा, अलमक्की जो लैपटॉप इस्तेमाल कर रहा था वह कुछ दिन पहले ही इबादतगाह से लाया था। उसके पास आशीष शाक्य निवासी कंपू के नाम की सिम कैसे पहुंची रामभुवन इसका जवाब नहीं दे सके। उधर भोपाल से लेकर जोन में बैठे पुलिस अफसर इस सवाल का जवाब मांग रहे हैं कि घुसपैठिया इतनी छूट किसके आदेश से मिली थी। पूरा थाना उसकी करतूतें देखता था तो रोका क्यों नहीं लगाई गई।
कहां-कहां चूक
घुसपैठिए को जेल से छूटने के बाद थाने में अलग जगह मुहैया कराने के बाद उसकी निगरानी नहीं की गई।
अलमक्की अपने देश, घर का पता नहीं बता रहा था पुलिस ने उसके इरादे नहीं भांपे। उससे दोस्ती क्यों गांठी।
इबादत के दौरान अलमक्की किन लोगों से संपर्क कर रहा है इस पर नजर क्यों नहीं रखी गई।
वह मॉल और बाजार में शॉपिंग करता रहा, उसके पास खर्च करने पैसा कहां से आ रहा है। पता क्यों नहीं किया गया।

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