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एससी-एसटी एक्ट: कोर्ट ने पूछा- क्या सीएम ने बयान दिया है कि जांच के बिना गिरफ्तारी नहीं की जाएगी?

locationग्वालियरPublished: Oct 03, 2018 11:45:11 am

Submitted by:

shailendra tiwari

एससी-एसटी एक्ट को लेकर मध्यप्रदेश में सपाक्स लगातार विरोद प्रदर्शन कर रहा है।

high court

एससी-एसटी एक्ट मामले में कोर्ट ने पूछा- क्या सीएम ने ऐसा बयान दिया है कि एमपी जांच के बिना गिरफ्तारी नहीं की जाएगी?

ग्वालियर. एससी-एसटी एक्ट को लेकर मध्यप्रदेश में सपाक्स लगातार विरोद प्रदर्शन कर रहा है। जिस कारण भाजपा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। वहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा एससी-एसटी एक्ट के तहत दिए गए बयान पर हाइकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने राज्य शासन से स्पष्टीकरण मांगा है। सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस जीएस अहलूवालिया ने सरकार से पूछा है कि सरकारी वकील ये बताएं कि क्या मुख्यमंत्री ने ऐसा कोई बयान दिया है कि मध्यप्रदेश में एससी-एसटी एक्ट के मामलों में जांच के बिना गिरफ्तारी नहीं की जाएगी? मामले की अगली सुनवाई 4 अक्टूबर को होगी, जिसमें एसपी रैंक के अधिकारी को शपथ पत्र पर जवाब पेश करने के निर्देश दिए गए हैं।

बालाघाट में 20 सितंबर को दिया था बयान: बालाघाट जिला मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए 20 सितंबर को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि एससी-एसटी एक्ट के अंतर्गत जांच के बगैर गिरफ्तारी नहीं होगी। इसके बाद मुख्यमंत्री के ट्विटर पर भी ट्वीट किया था। प्रदेश महाधिवक्ता पुरुषेंद्र कौरव ने भी कहा था कि मुख्यमंत्री का यह सैद्धांतिक निर्णय है। राज्य सरकार इस मसले पर प्रारंभिक जांच किए जाने का प्रशासनिक फैसला कर सकती है।
कोर्ट ने शिवपुरी ज़िले के एक सरकारी डॉक्टर की अग्रिम ज़मानत याचिका पर सुनवाई के लिए ये स्पष्टीकरण मांगा है। याचिकाकर्ता डॉक्टर अतेन्द्र रावत ने अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। उन्होंने खुद पर झूठा मुकदमा लगा होने का हवाला देकर अग्रिम ज़मानत मांगी थी। डॉक्टर रावत ने याचिका में कहा है कि मेरे प्रति दुर्भावना से प्रेरित होकर झूठा मुकदमा दर्ज किया गया है। उन्होंने अपने पक्ष में सीएम शिवराज सिंह चौहान के उस बयान का हवाला दिया है जिसमें उन्होंने कहा था कि एससी-एसटी एक्ट में बिना जांच गिरफ्तारी नहीं की जाएगी। डॉ रावत पर एक आशा कार्यकर्ता ने अनैतिक संबंध का दबाव बनाने का मामला दर्ज कराया था।
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