फिट रहना चाहते है तो जरूर जाए यहां घूमने,शहर को यहां से मिलती है ताजा सांसे
फिट रहना चाहते है तो जरूर जाए यहां घूमने,शहर को यहां से मिलती है ताजा सांसे

ग्वालियर। सांसों में ताजी,साफ-सुथरी हवा भरनी हो तो यहां चले आइए। ये हैं हमारे शहर के ऑक्सीजोन। 20 हजार हेक्टेयर से अधिक में बसे हमारे शहर में अब बमुश्किल 100 हेक्टेयर में वन और हरियाली बची है। यह जरूरत की तीन प्रतिशत भी नहीं है। ऐसे में हरे-भरे पेड़ पौधों से घिरे हमारे ये ऑक्सीजोन भले ही शहर का छोटा सा हिस्सा हों,लेकिन काम बड़ा कर रहे हैं। यहां की हरियाली हवा में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ा रही है। यहां पॉल्यूशन का स्तर शहर के अन्य हिस्सों से बेहद कम है। हमें अपने शहर की हवा को और बिगडऩे से बचाना है तो ऐसे बहुत सारे ऑक्सीजोन बनाने होंगे।
ये हैं हमारे ऑक्सीजोन
जीवाजी यूनिवर्सिटी : यूनिवर्सिटी में 15 हजार पेड़-पौधे लगे हुए हैं। इनमें से एेसे भी पेड़ हैं जो 50 से 60 साल पुराने हैं अच्छी मात्रा में ऑक्सीजन देते हैं। सबसे ज्यादा नीम और पीपल के पेड़ लगे हुए हैं। यूनिवर्सिटी ऑक्सीजन जोन कहा जाता है क्योंकि ये हरियाली से भरपूर है। इसे और भी बेहतर ऑक्सीजन जोन बनाने के लिए हर साल 2000 पौधे लगाए जाते हैं।
विवेकानंद नीड्म : नीड्म में 22000 पेड़-पौधे लगे हुए हैं जो 250 प्रजाती के हैं। यह 20 से 21 साल पुराने पेड़ लगे हुए हैं। हर साल अधिक मात्रा में पेड़ लगाते हैं। यहां लोग ऑक्सीजन लेने और योगा करने के लिए आते हैं।
तपोवन : तपोवन को सबसे शांत वातावरण वाला क्षेत्र है। जो 300 हेक्टेयर में पेड़-पौधे लगे हुए हैं। 60 लाख पौधों को लगाया है। 2 लाख 50 हजार पौधों को लोगों को जगह-जगह लगाने के लिए दिए हैं। शहर से और आस-पास के क्षेत्र से लोग घूमने आते हैं।
ऑक्सीजन रिच पौधे
आउटडोर : सबसे ज्यादा पाम ट्री, नीम और पीपल ऑक्सीजन देते हैं।
इनडोर : घर में लगाए जोन वाले स्नेक प्लांट, एलोवेरा और तुलसी के पौधे ऑक्सीजन के अच्छे सोर्स हैं।
यहां सबसे खराब हालात
महाराज बाड़ा
बाड़ा क्षेत्र में पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर 200 माइक्रोग्राम प्रति मीटर क्यूब है।
गोले का मंदिर
पीएम 10 का स्तर 100 माइक्रोग्राम प्रति मीटर क्यूब है।
हजीरा
पीएम 10 का स्तर 120 से 130 माइक्रोग्राम प्रति मीटर क्यूब है।
इतनी ऑक्सीजन चाहिए रोज
20 हजार हेक्टेयर में फैले ग्वालियर शहर को 2 अरब लीटर रोजाना ऑक्सीजन की जरूरत है।
एक युवा को हर रोज 550 लीटर ऑक्सीजन की जरूरत होती है।
एक पेड़ रोजाना 2700 मिलीलीटर ऑक्सीजन जेनरेट करता है।
एक पेड़ पांच लोगों को जीवनभर ऑक्सीजन और भू-जल उपलब्ध करा सकता है।
शहर में 0.3 से 0.5 घनत्व वाले ग्रीन बेल्ट की जरूरत है। शहर के भीतरी हिस्सों में 0.1 से भी कम घनत्व के हरित बेल्ट हैं।
पांच से आठ फीट ऊंचा एक पेड़ अपने नीचे 15 डिग्री तक का तापमान कम करता है।
जिस पेड़ की जड़ एक मीटर नीचे जाती है, वे 900 लीटर तक पानी इकटठा कर सकता है।
"शहर को ऑक्सीजन से भरपूर बनाने के लिए, खाली पड़ी जगह पर ज्यादा से ज्यादा प्लांट लगाना चाहिए। शहर में पॉल्यूशन केमिकल का नहीं, धूल और कार्बन के कण से है। इससे पीएम 10 और पीएम 2.5 बढ़ता है। जरूरी है कि शहर में और ऑक्सीजन जोन डेवलप किए जाएं।"
डॉ. हरेंद्र शर्मा, पर्यावरण विभाग, जीवाजी यूनिवर्सिटी
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