तापमान भी बेहद कम था, इसलिए माहौल मेें कड़ी सर्दी का अहसास हो रहा था। आंचलिक कृषि अनुसंधान केन्द्र के मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार-बुधवार की रात न्यूनतम तापमान चार डिग्री तक नीचे पहुंच गया था। तापमान का यह आंकड़ा इस वर्ष सबसे कम रहा। ठंड बढऩे के कारण पिछले दो दिन से सुबह-शाम शहर की सड़कों पर कम लोग नजर आ रहे हैं। बाजार भी देर से खुलकर जल्दी बंद हो रहे हैं। चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना हैकि सर्दी के मौसम में खासकर कोहरे के दौरान स्वास्थ्य के प्रति सावधानी जरूरी है।
वृद्धों व बच्चों का बचाव जरूरी
सर्दी के मौसम में वृद्धों व बच्चों का बचाव सबसे ज्यादा जरूरी है। क्योंकि जरा सी लापरवाही से विभिन्न प्रकार की शारीरिक समस्याओं का सामना उन्हें करना पड़ सकता है। चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना हैकि अधिक सर्दी के कारण वृद्धों की रुधिर वहिनियां संकुचित होने लगती हैं। इसलिए उन्हें ब्लड प्रेशर व हार्ट अटैक की समस्या हो सकती है। इसी तरह बच्चों के नंगे पैर रहने अथवा कान खुले रखने के कारण सर्दी का प्रकोप होने की आशंका रहती है।
ये रखें सावधानियां
-सर्दी के मौसम में वायु प्रदूषण की अधिकता वाले स्थानों पर ज्यादा समय तक न रुकें।
-अत्यधिक कोहरा, ओस व नमी वाली जगहों के संपर्क में आने से बचें।
-वृद्धजन सुबह जल्दी और देर शाम या रात को घर से बाहर न निकलें।
-जब भी बाहर जाना पड़े, सर्दी से बचाव के पुख्ता इंतजाम करके ही निकलें।
-छोटे-छोटे बच्चों को नंगे पैर न रखें। सर्दियों में उनके कान भी बंद रखे जाने चाहिए।
-जिन घरों में बच्चे व बुजुर्ग हों, वहां वातावरण को गर्म रखने के इंतजाम हों।
-शरीर पर सर्दी का प्रकोप होते ही अविलंब चिकित्सकीय परामर्श लेना चाहिए।
“सर्दियों में बुजुर्गों व बच्चों का खास खयाल रखने की जरूरत होती है। इन दिनों दमा, बीपी, इन्सलुएंजा और हार्ट स्ट्रोक जैसी बीमारियों का प्रकोप बढ़ जाता है। इसलिए अधिक समय तक सर्दीके संपर्क में न रहना ही उचित है।”
डॉ. नगेन्द्र ऋषिश्वर चिकित्सा विशेषज्ञ
“सर्दियों के मौसम में वायु प्रदूषण का हानिकारक प्रभाव बढ़ जाता है। खासकर यदि कोहरे में घुली हानिकारक गैस और धूल के कण सांस के साथ शरीर में प्रवेश करते हैं तो अस्थमा और आंखों में जलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।”
डॉ. विनायक तोमर, प्राध्यापक, जीव विज्ञान
रेल व सड़क यातायात प्रभावित
कोहरे के चलते सड़क और रेल यातायात बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। अधिकांश ट्रेन एक से १० घंटे तक देरी से चल रही हैं। सड़क पर भी वाहनों की र?तार भी २०-२५ किमी प्रति घंटे की रह रही है।