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वहीं दूसरी ओर मालवा और हाड़ौती की बारिश से एक बार फिर चंबल के बाद उफन गए। जिसके चलते कोटा बैराज से चंबल में पौने तीन लाख क्यूसेक पानी छौड़ा गया, जिसके चलते श्योपुर की सीमा में नदी किनारे के गांवों में अलर्ट कर दिया गया। यूं तो सुबह से ही आसमान पर काले घने बादल छाए हुए थे, लेकिन बीच में धूप भी निकली। इसी बीच दोपहर 3 बजे से फिर आसमान काले घने बादलों से ढंक गया, और दोपहर साढ़े तीन बजे से ही बारिश की ऐसी झड़ी लगी कि रात तक कभी रिमझिम तो कभी झमाझम बारिश होती रही।
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स्थिति यह रही कि शहर में चार घंटे की अवधि में ही 20 मिमी बारिश हो गई। जबकि कराहल, बड़ौदा, प्रेमसर, मानपुर आदि क्षेत्रों में भी कई घंंटे झमाझम बारिश हुई। बीते दो दशक में श्योपुर में सितंबर माह में 210 मिमी बारिश हुई है। भू अभिलेख विभाग के मुताबिक 1 अक्टूबर की सुबह 8 बजे तक जिले में 943 मिमी बारिश हो चुकी है। यह भी पढ़ें
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कोटा से छोड़ा पौने तीन लाख क्यूसेक पानी
मालवा में हो रही बारिश के चलते गांधीसागर बांध के गेट फिर से खुले हुए हैं। जिसके चलते राणाप्रताप सागर और जवाहर सागर के बाद कोटा बैराज से भी पानी डिस्चार्ज हो रहा है। शाम 6 बजे कोटा बैराज के 9 गेट खोलकर 2 लाख 78 हजार क्यूसेक पानी चंबल में छोड़ा गया। जिसका असर श्योपुर जिले की सीमा में बुधवार को दिख सकता है। वहीं दूसरी ओर मंगलवार को पार्वती नदी सामान्य रहने से श्योपुर-कोटा मार्ग खुल गया।