बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी के कारण बादल छाए रहे, इस वजह से तेज धूप नहीं निकल सकी। बादलों के चलते अधिकतम तापमान 31.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ, जो सामान्य से 1.7 डिग्री सेल्सियस कम रहा। मौसम विभाग ने 12-13 अगस्त को स्थानीय प्रभाव से बारिश के आसार जताए हैं। मानसून ट्रफ लाइन
ग्वालियर से खिसक कर हरियाणा के रोहतक पर पहुंच गई।
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मौसम विभाग (WEATHER DEPARTMENT) का कहना है कि एक चक्रवातीय घेरा उत्तर प्रदेश में बना हुआ है। चक्रवातीय घेरे (Cyclone circulation) के कारण शहर सहित जिले में बादल छाए हुए हैं, लेकिन राजस्थान से लगे हिस्सों में झमाझम बारिश हुई है। इस बार के मानसून सीजन में बारिश का ट्रेंड बदल गया है।
जून व जुलाई में खंड बारिश की वजह से शहर औसत तक नहीं पहुंच पाता था, लेकिन इस बार वैसी स्थिति नहीं है। मानसून आगमन के दिन से शहर सहित जिले में झमाझम बारिश हो रही है। अब तक औसत से 188 मिलीमीटर बारिश अधिक हो चुकी है। इस रतार से बारिश जारी रही तो पुराने औसत को भी पार करेगी। सीजन खत्म होने तक 851 मिमी मीटर के पार बारिश जा सकती है।
इन जिलों में अलर्ट जारी
RED ALERT: भोपाल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, धार, कटनी, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़ और रायसेन जिले में अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी देते हुए इन जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है। ORANGE ALERT: झाबुआ, रतलाम, गुना, सीधी, रीवा, सतना, शहडोल, सीहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम, बैतूल, बड़वानी, अलीराजपुर, उमरिया, जबलपुर, सिवनी, मंडला, बालाघाट, पन्ना, निवाजडी और मैहर जिलों में अतिभारी बारिश की संभावना के चलते ओरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
YELLOW ALERT: विदिशा, अशोकनगर, शिवपुरी, श्योपुरकलां, सिंगरौली, अनूपपुर, डिंडोरी, इंदौर, उज्जैन, देवास, शाजापुर, आगर, मंदसौर, दतिया, मऊगंज, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, नीमच, ग्वालियर, भिंड, मुरैना में बारिश की संभावना के चलते येलो अलर्ट जारी किया गया है।
समय पर आया मानसून
मानसून की बारिश की पिछले 30 साल की स्थिति देखी जाए तो हर साल औसत बारिश में गिरावट दर्ज हुई। 30 साल के भीतर 100 मिमी बारिश घट गई, जिसके चलते मौसम विभाग ने शहर की औसत बारिश के आंकड़े में बदलाव किया। औसत बारिश का आंकड़ा जो 851 था, उसे घटाकर 751 किया गया। मानसून आगमन की तिथि भी 17 जून से बढ़ाकर 26 जून की। इस बार मानसून समय पर आया। जून व जुलाई में औसत से ज्यादा बरस गया। 9 अगस्त तक 394.1 मिमी बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन बारिश 582.7 मिली मीटर हो चुकी है। बारिश औसत से अधिक दर्ज है। इस बार मानसून के ट्रेंड में बदलाव आया है। जून व जुलाई में औसत बारिश भी नहीं होती थी, इस बार बारिश बढ़ गई।