scriptबिना ट्रेड सर्टिफिकेट के हैवी वाहनों का नहीं होगा पंजीयन | Heavy vehicles will not be registered without trade certificate | Patrika News

बिना ट्रेड सर्टिफिकेट के हैवी वाहनों का नहीं होगा पंजीयन

locationग्वालियरPublished: Sep 20, 2019 06:27:01 pm

बस, ट्रक या फिर छोटे वाहनों की बॉडी बनाने वाले बॉडी मेकर को परिवहन विभाग से ट्रेड सर्टिफिकेट लेना होगा। बिना ट्रेड सर्टिफिकेट के हैवी वाहनों का स्थाई पंजीयन नहीं किया जाएगा। बॉडी मेकर भी वाहनों का ढांचा भारत सरकार द्वारा पंजीकृत संस्था से स्वीकृति लेगा।

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बिना ट्रेड सर्टिफिकेट के हैवी वाहनों का नहीं होगा पंजीयन

ग्वालियर. बस, ट्रक या फिर छोटे वाहनों की बॉडी बनाने वाले बॉडी मेकर को परिवहन विभाग से ट्रेड सर्टिफिकेट लेना होगा। बिना ट्रेड सर्टिफिकेट के हैवी वाहनों का स्थाई पंजीयन नहीं किया जाएगा। बॉडी मेकर भी वाहनों का ढांचा भारत सरकार द्वारा पंजीकृत संस्था से स्वीकृति लेगा। स्टैंडर्ड नियमों का पालन करते हुए हैवी वाहनों की बॉडी बना सकेगा। यह निर्देश परिवहन विभाग कार्यालय सिरोल पहाड़ी पर आयोजित बॉडी मेकर, डीलर्स के साथ बैठक में निर्देश देते हुए क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी डॉ एमपीसिंह ने कही।
उन्होंने बैठक में स्पष्ट कहा कि बिना ट्रेड सर्टिफिकेट लेकर वाहनों की बॉडी तैयार करने वाले वाहन का पंजीयन नहीं किया जाएगा। हर वाहन के स्थाई पंजीयन कराने को लेकर जमा किए जाने वाले आवश्यक दस्तावेजों में बॉडी मेकर का ट्रेड सर्टिफिकेट जमा करना होगा। इसके अलावा बॉडी मेकर भारत सरकार द्वारा स्वीकृत किए गए नियमों का पालन करेगा तभी परिवहन विभाग ट्रेड सॢटफिकेट देगा। वहीं वाहन का स्थायी पंजीयन पर लगने वाला कमर्शियल टैक्स बॉडी तैयार होने के बाद तय होगा। बॉडी की क्षमता का माप फिटनेस के दौरान होगा इसके बाद उस पर कमर्शिलय टैक्स लगाया जाएगा। इस बैठक में एआरटीओ रिंकू शर्मा, परिवहन निरीक्षक अजीत बाथम सहित कई लोग मौजूद थे।

क्यों देरी से लग रही हाइसिक्युरिटी नंबर प्लेट?
क्षेत्रीय परिवहन अफसर डॉ. सिंह ने बैठक के दौरान दो पहिया वाहन डीलर्स से पूछा कि बाइक की खरीद पर हेलमेट दे रहे हो? जिस पर सभी ने कहा कि वाहन पंजीयन के दौरान हेलमेट खरीदी की रसीद दस्तावेजों के साथ दी जा रही है। इसके बाद उन्होंने दो पहिया और चार पहिया हाइसिक्युरिटी नंबर प्लेट न लगाए जाने की बात कही। इस पर डीलर्स ने कहा कि नंबर आने में देरी होती है। वाहन के दस्तावेजों को भेजे जाते है फिर पंजीयन के बाद नंबर आने में देरी होती है जिससे वाहन चालक कई बार नंबर प्लेट लगवाने के लिए नहीं आते हैं और जो लोग आते हैं उनके वाहनों पर प्लेट लगाई जाती है। इसके बाद क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी ने सिस्टम में सुधार की और जल्द नंबर जारी करने की बात कही।
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