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यहां एक पालना करता है अनचाहे बच्चों का स्वागत, जानिये क्या है माजरा

locationग्वालियरPublished: Jul 08, 2016 09:17:00 am

Submitted by:

rishi jaiswal

लाड़ली को झाडिय़ों में फैंकने की जगह यहां दे सकते हैं थोड़ा आराम व सुकून। 

crib at parking

crib at parking


आकाश सक्सैना@ग्वालियर
ईश्वर न करे कि ऐसा कोई समय आपके या आपके परिचित की जिंदगी में आए, जब अनचाहे गर्भ में पल रही लाड़ली को त्यागने के लिए उसे झाडिय़ों में फेंकना पड़े या किसी दरवाजे पर छोड़कर जाना पड़े। अगर ऐसा वक्त आ भी जाए तो कृपया अनचाही लाड़ली को झाडिय़ों और नालियों में फेंकने की जगह उसे इस झूले में लेटा कर छोड़ जाएं इसके बाद उसकी सभी जिम्मेदारी उस संस्था की होगी जो शहर में अनचाहे बच्चों को नया जीवन देने का प्रयास कर रही हैं। ताकि उन्हें मौत से बचाकर उन परिवारों की यशोदाओं की गोद भर सके जो लाड़ली पाने की चाहत में वर्षों से भटक रहे हैं। हम बात कर रहे हैं महलगांव के गंगा विहार स्थित मातृ छाया संस्था की, जिसने रोड किनारे बिल्डिंग की पार्किंग में एक पालना लगाया हुआ है, जहां लोग अनचाहे बच्चों को पालने में छोड़ जाते हैं। इसके बाद उस बच्चे के पालन पोषण की जिम्मेदारी संस्था ही उठाती है। 

कोई भेद नहीं: शहर और उसके आसपास के जिलों में अनचाही बच्चियों के जन्म के बाद उसे मारने या झााडिय़ों में फेंके जाने जैसे तमाम मामले सामने आए हैं, जिसके बीच यह पालना उन नवजात बच्चों की जिंदगी बचाने और उन्हें मारने के पाप से लोगों को बचाने के लिए किसी वरदान से कम नहीं है, जहां अनचाही लाड़ली को जिंदगी तो मिलेगी ही साथ ही अनचाहे बच्चों को भी आश्रय मिलेगा। इस पालने में बच्चा या बच्ची के लिए भी कोई भेद नहीं है।

कई बच्चों को मिला आश्रय: पिछले दो साल में कई लोग इस पालने में अनचाहे बच्चों को छोड़कर चले गए। लोग अनचाहे बच्चों को झाडिय़ों में मरने को ना छोड़ें इसके लिए संस्था के सुरक्षा गार्ड यहां बच्चों को छोडऩे वालों से कोई सवाल जवाब भी नहीं करते। ताकि बच्चों की जिंदगी को बचाया जा सके।

विकसित होने दें भ्रूण 
संस्था से जुड़े सदस्यों की माने तो अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाने के लिए लोग गर्भ में पल रहे बच्चे को 9 माह से पूर्व प्रसव कराकर उसे झाडिय़ों में छोड़ देते हैं। ऐसे बच्चों का उपचार कर उन्हें बचा पाना बहुत मुश्किल होता है। अगर लोग 9 माह तक गर्भ में पल रही संतान को विकसित होने के बाद जन्मे बच्चों को बचाना आसान होता है।
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