क्वारी नदी में डूबा युवक, रोते हुए मां बोली बप्पा ये क्या किया तूने सुरपुरा थाना क्षेत्र के ग्राम चिलोगा के प्रसिद्ध श्री गिरधारी मठ आश्रम को भी नदी ने चारों ओर से घेर लिया है। आश्रम पहुंच मार्ग के पुलियोंं तक पानी पहुंच गया है। गढ़ा व बिजौरा गांवों के निचले हिस्सों में भी नदी का पानी प्रवेश कर गया है। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार को कोटा बैराज से पानी के डिस्चार्ज को घटाकर 10 हजार क्यूसेक कर दिया गया है जिससे अब नदी में और अधिक उफान आने की संभावना खत्म हो गई हैं।
Breaking : सीएम के काफिले में आमने-सामने हुई टक्कर में दो घायल, पुलिस अधिकारियों में हडक़ंप नदी में पानी बढ़ते देख प्रशासन के निर्देश पर बुधवार की देर शाम जिला मुख्यालय से होमगार्ड के कमांडेड अजय सिंह कश्यप के नेतृत्व में 16 सदस्यीय गोता खोरों की टीम ने अटेर कस्बे के बीआरसीसी भवन में मोटरबोट एवं बाढ़ से बचाव के लिए काम आने वाले अन्य उपयोगी सामान के साथ डेरा डाल दिया है ।बतादें कि मालवांचल व राजस्थान में हो रही बारिश के चलते कोटा बैराज पूरी तरह भर जाने से सोमवार शाम को बैराज से एक साथ 3.51 लाख क्यूसेक पानी छोड़ दिया था।
श्राद्धपक्ष में तर्पण करने से पितरों को मिलती तृप्ति, जरूर करें ये उपाय मंगलवार व बुधवार को भी बैराज से 2.50 लाख एवं 2.00 लाख क्यूसेक पानी को डिस्चार्ज किया गया था। इससे नदी में अचानक उफान आ गया था। गुरुवार को कोटा बैराज से पानी का डिस्चार्ज तकरीबन बंद कर दिया गया है। अटेर में चंबल नदी में गुजरी 16 अगस्त को भी बाढ़़ आ चुकी है।जल संसाधन विभाग खण्ड भिण्ड कार्यपालन यंत्री एचएस शर्मा ने बताया कि कोटा बैराज से गुरुवार को पानी का डिस्चार्ज बंद कर दिया है। सुबह मात्र 10 हजार क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज किया जा रहा था।