हाईकोर्ट की बड़ी टिप्पणी… सहमति से बने संबंधों में जमानत दी जानी चाहिए
ग्वालियरPublished: Jul 22, 2020 10:36:58 pm
मप्र हाईकोर्ट खण्डपीठ ग्वालियर ने बलात्कार के मामले में आरोपी को जमानत दे दी। न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा कहा, सहमति से बने शारिरिक संबंधों में जमानत दी जानी चाहिए
हाईकोर्ट की बड़ी टिप्पणी… सहमति से बने संबंधों में जमानत दी जानी चाहिए
ग्वालियर. मप्र हाईकोर्ट खण्डपीठ ग्वालियर ने बलात्कार के मामले में आरोपी को जमानत दे दी। न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा कहा, सहमति से बने शारिरिक संबंधों में जमानत दी जानी चाहिए। दस हजार रुपए पीएम केयर्स फंड में जमा करने की शर्त के साथ आरोपी को जमानत दी गई।
कोटावाला मोहल्ला ग्वालियर निवासी अनुराग सिंह राठौड़ के विरुद्ध फरियादिया ने एफआइआर 28 जून 2020 को दर्ज कराई थी कि उसके अनुराग के साथ 2005 से शारीरिक संबंध थे, अनुराग उससे शादी करने का भरोसा देता था, लेकिन 2009 में उसने किसी अन्य लड़की के साथ शादी कर ली। इसके बाद भी वह उससे संबंध बनाता रहा और वह गर्भवती हो गई, फिर भी उसने उसके साथ शादी नहीं की।
आरोपी अनुराग की ओर से अधिवक्ता अवधेश सिंह भदौरिया ने जमानत याचिका प्रस्तुत करते हुए तर्क दिया कि उक्त मामले बलात्कार का ना होकर लिव इन रिलेशनल का है और संबंध आपसी सहमति से बने हैं। अनुराग की शादी 2009 में हो गयी थी फिर भी फरियादिया ने 10 वर्षों तक रिपोर्ट नहीं लिखवाई गई और लगातार संबंध बनाए गए, जो कि आपसी सहमति को दर्शाता है। ऐसे मामलों में आरोपी को जमानत दी जाना चाहिए। उक्त तर्कों से सहमत होते हुए अभियुक्त को 10 हजार रुपए पीएम केयर्स फंड में जमा करने के आदेश के साथ ही जमानत दे दी।